दिशा सालियान केस: सीबीआई और मुंबई पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट के दावे को नकारा

कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा फैलाया गया झूठा नैरेटिव बेनकाब; किसी को क्लीन चिट नहीं दी गई, मुंबई पुलिस अधिकारियों और सीबीआई का का बयान
मुंबई: दिशा सालियान सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर, सीबीआई और मुंबई पुलिस ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को सख्ती से खारिज कर दिया है जिनमें यह दावा किया गया था कि केस बंद कर दिया गया है। मुंबई पुलिस और विशेष जांच दल (SIT) के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, अब तक कोई क्लोजर रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई है और जांच अभी भी जारी है।
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह मामला SIT द्वारा गंभीरता से जांचा जा रहा है, और “केस बंद हो गया” या “दिशा ने आत्महत्या की” जैसी खबरें झूठी, भ्रामक और जांच में बाधा डालने वाली हैं।
सीबीआई का स्पष्टीकरण: जांच नहीं हुई, क्लीन चिट नहीं दी गई
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उसने दिशा सालियान मामले की कोई जांच नहीं की है, और आदित्य ठाकरे सहित किसी भी व्यक्ति को क्लीन चिट नहीं दी गई है। दिशा के पिता श्री सतीश सालियान के वकील, अधिवक्ता निलेश ओझा ने दावा किया है कि मीडिया जानबूझकर झूठा नैरेटिव चला रहा है ताकि मुख्य गवाहों की छवि धूमिल की जा सके और आरोपियों को बचाने में सहायता मिले।
प्रारंभिक क्लोजर रिपोर्ट अमान्य घोषित
14 फरवरी 2021 को दर्ज की गई एक प्रारंभिक क्लोजर रिपोर्ट को बाद में चुनौती दी गई जब यह आरोप सामने आया कि वह रिपोर्ट आरोपियों को बचाने के लिए गढ़ी गई थी। दिसंबर 2023 में श्री सतीश सालियान का विस्तृत बयान आधिकारिक रूप से दर्ज किया गया, और नए साक्ष्यों के आधार पर उस क्लोजर रिपोर्ट को अवैध मानते हुए वापस ले लिया गया। इसके बाद केस को पुनः खोला गया और अब जांच सामूहिक बलात्कार और हत्या के पहलू से की जा रही है।
झूठी खबरों के पीछे आर्थिक लेनदेन?
अधिवक्ता ओझा ने आगे आरोप लगाया है कि कुछ मीडिया संस्थानों और हितधारकों के बीच करोड़ों रुपये के लेनदेन हुए, ताकि झूठी कहानियाँ प्रसारित की जा सकें। उन्होंने कहा कि इस अभियान को राजनीतिक समर्थन प्राप्त था, और यह कथित तौर पर आदित्य ठाकरे और उद्धव ठाकरे के गठजोड़ में चलाया गया, ताकि जनता को गुमराह किया जा सके और असली दोषियों को बचाया जा सके। उन्होंने इस मामले की ईडी और मुंबई पुलिस द्वारा तत्काल जांच की मांग की है।
कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
श्री सतीश सालियान ने जानकारी दी है कि मानहानि, आपराधिक मामला और कोर्ट की अवमानना जैसे मामलों में अलग–अलग कानूनी कार्रवाई शुरू की जा रही है उन पत्रकारों और मीडिया संस्थानों के खिलाफ जो दिशा सालियान की मौत की जांच को लेकर झूठी, भ्रामक और बदनाम करने वाली खबरें फैला रहे हैं।
उनके अनुसार, इन मीडिया संस्थानों ने असत्यापित और दुर्भावनापूर्ण नैरेटिव चलाकर न केवल मुख्य गवाहों और शिकायतकर्ताओं की छवि खराब करने की कोशिश की है, बल्कि न्यायिक और जांच प्रक्रिया को भी नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने इसे प्रेस की स्वतंत्रता का घोर दुरुपयोग और न्याय प्रणाली में जानबूझकर हस्तक्षेप बताया।
प्रस्तावित कानूनी कार्रवाई में मानहानि के लिए क्षतिपूर्ति, भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक दायित्व, तथा माननीय न्यायालयों में अवमानना की कार्यवाही शामिल होगी, क्योंकि यह सब जनता की धारणा को प्रभावित करने और विधिक प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास है।
श्री सालियान ने दोहराया कि कोई भी व्यक्ति या संस्था कानून से ऊपर नहीं है, और इस प्रकार के आचरण पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।