सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामले में अधिकतम ४ महीने के भीतर निर्णय लेकर पीड़ित को जानकारी देने का नियम बनाया है।
रशीद खान पठान ने जस्टिस चंद्रचूड़ के खिलाफ केस चलने की अनुमति के लिए राष्ट्रपति के पास २८.११.२०२१ और ५.१०.२०२२ को शिकायते दर्ज की है।
दोनों केस में जस्टिस चंद्रचूड़ के खिलाफ IPC १०९, ११५, १६६, १६७, १९१, १९२, १९९,२०१, २०२, २१८, २१९, २२०, ३०४ A, ३०२, ४०९, १२०(B), ३४ आदि धाराओं के तहत केस चलाने की अनुमति मांगी गयी है।
राष्ट्रपति कार्यालय ने उन अर्जी को जांच पड़ताल के लिए कानून मंत्रालय को भेजा था लेकिन उस पर कोई आदेश नहीं किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में नया कानून बनाया है की अगर ऐसी अर्जी पर चार माह के भीतर कोई आदेश पारित नहीं होता है तो पीड़ित यक्ती हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में रीट पिटीशन दायर क्र सकता है और उसमे कोर्ट अर्जी पर तुरंत निर्णय लेने के आदेश दे सकता है। [Vijay Rajmohan Vs. State 2022 SCC OnLine SC 1377]
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Chandrachud Indai ki sabhyata,mariyada ke liye khatra hai.