हाई कोर्ट से धोखाधडी और जजेस के खिलाफ झूठे और बेबुनियाद आरोप करने के मामले में अदार पूणावाला और सीरम इन्स्टीट्यूट के खिलाफ एक और केस दायर।
मामले के सुनवाई 26 अगस्त 2024 को हाई कोर्ट के नागपूर बेंच के सामने होगी।
पूणावाला के वकिल रितेश बढे और अन्य को भी बनाया आरोपी।
पूणावाला और सीरम इन्स्टीट्यूट के सदस्यों के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी करने की मांग।
पूणावाला के खिलाफ के 10,000 करोड रुपये के सीव्हील सूट में दूसरी बार फसे आरोपी।
पहले ही कोर्ट से धोखाधड़ी के एक मामले में वरीष्ठ सीव्हील जज ने 2 अगस्त को अदार पूणावाला और सीरम इन्स्टीट्यूट के खिलाफ IPC की कई धारओ नमें केस दर्ज करने का ओदश दिया हुवा है उस मामले में हाई कोर्ट ने केवल अगली तारीख तक की अंतरीम राहत दी है।
नई दिल्ली :- विशेष संवाददाता :- कोर्ट में झूठा शपथपत्र देकर धोखाधडी और जालसाजी करने के मामले में नागपुर के वरीष्ठ दीवाणी जज ने अदार पूणावाला, सीरम इन्स्टीट्यूट के खिलाफ IPC की धाराए 181,182, 193, 199, 200, 209, 465, 471, 474, 120(B),34 के तहत केस दर्ज करने का ओदश 2 अगस्त 2024 को दिया था।
वह आदेश अव्हेकन इंडिया मुवमेंट के वरिष्ठ सदस्य और किसान नेता श्री. प्रकाश पोहरे द्वारा दायर 10,000 करोड के मुआवजे के दावे में पारीत किया गया था।
उस आदेश के खिलाफ अदार पूणावाला और सीरम कंपनी ने मुंबई हाई कोर्ट की नागपूर बेंच के सामने रिट पिटीशन 9 अगस्त 2024 को दायर की. (W.P. Crl. No. 625 of 2024) उस याचिका में अदार पूणावाला और सीरम इन्स्टीट्यूट ने झूठा शपथपत्र दिया और खुद के गुनाह छिपाने के लिए वरीष्ठ जज के खिलाफ कई बेबुनियाद और झूठे आरोप लगाने की बात साबित होनेपर श्री. प्रकाश पोहरे के वकिल श्री. निलेश ओझा, श्री. ओंकार काकडे, श्री. शैलेश नारवरे और श्री. चंद्रकांत रोहणकर ने हाई कोर्ट मे भारतीच नागरीक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 379 के तहत आवेदन दायर करके अदार पूणावाला, सीरम इन्स्टीट्यूट कंपनी और उनके वकीलो के खिलाफ भारतीय न्याय संहीता (BNS) और कोर्ट अवमानना की विभीन्न धाराओ के तहत कारवाई करने, उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने, उनपर 10,000 करोड रुपये के अनुपात मे दंड लगाने तथा उनके वकिलो के खिलाफ बार कौन्सिल मे अनुशासणात्मक कारवाई (Disciplinary Proceeding) करने का प्रस्ताव भेजने की मांग की है।
ऐसी ही एक मामले में हाल ही मे दिल्ली उच्च न्यायालय एक वकिल को छह माह के कारावास की सजा सुना चुका है, Court on its Own Motion v. Virendra Singh, 2024 SCC OnLine Del 145
अदार पूणावाला और सीरम इन्स्टीट्यूट के खिलाफ लगाये गये आरोपो की हर धारा मे 7 साल तक सजा का प्रावधान है. अदार पूणावाला कंपनी और सीरम कंपनी ने हाई कोर्ट में दायर अपने शपथपत्र में वरीष्ठ जज पर झूठे आरोप लगाये की जज ने इस मामले मे कोई भी तहकीकात किये बगैर ही उनके खिलाफ केस दायर करने का आदेश दिया है।
इस बात का झूठ वरीष्ठ जज के 30.03.2024 और 5.04.2024 के आदेश से साबीत हो गया जिसमे वरीष्ठ जज ने विशेष आदेश पारीत कर मामले की तहकीकात करके श्री. प्रकाश पोहरे की गवाई शपथपत्र पर लेने का बाद ही अदार पूणावाला और सीरम कंपणी को धोखेबाज और जालसाज पाया और उनके खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया. लेकिन इस बात को आरोपी अदार पूणावाला और सीरम कंपणी ने हाई कोर्ट से छुपाकर रखा और शपथपत्र पर नीचे के जज के खिलाफ झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाये. ऐसे ही करीब 7 झूठे आरोप शपथपत्र में लगाने की बात सामने आई है।
The prayers in the IA No. 133 of 2024 are as under;
(a) Take cognizance of false, unfounded, scandalous scurrilous, reckless, contemptuous and gross defamatory allegations made against Hon’ble Senior Division Civil Judge by the Petitioners, in their memo of petition which is sworn on affidavit;
(b) To take action as per Section 379 of BNSS and Contempt, as per law laid down by the Hon’ble Supreme Court in the case of Municipal Council Tikamgarh v. Matsya Udyog Sahkari Samiti, 2022 SCC OnLine SC 1900, ABCD v. Union of India, (2020) 2 SCC 52, Dr. Sarvapalli Radhakrishnan vs Union of India (2019) 14 SCC 761 , New Delhi Municipal Council v. Prominent Hotels Limited, 2015 SCC OnLine Del 11910 and Godrej &Boyce Manufacturing Co. Pvt. Ltd. v. Union of India,1991 SCC OnLine Bom 496.
(c) Impose heavy cost as per sec 381 of BNS upon the Petitioners by quantifying it in proportion with the valuation of the Suit, which is Rs. 10,000 Crores, by applying the ratio laid down in Dr. Sarvapalli Radhakrishnan vs Union of India (2019) 14 SCC 761 & New Delhi Municipal Council v. Prominent Hotels Limited, 2015 SCC OnLine Del 11910;
(d) Order non-baillable warrant of arrest against accused as per sec. 379 of BNSS as per law and ratio laid down in the case of Arvinder Singh Vs UOI (1998) 6SCC 352;
(e) Direct Registrar of this Hon’ble Court to file a complaint against the Petitioners Serum Institute of India Pvt. Ltd., Mr. Adar Poonawalla, Mr. Vivek Pradhan & others under relevant sections of BNSS applicable for filing false and misleading affidavit to obtain favourable order.
(f) Record a specific findings about the role, duty, responsibility and complicity of advocates for Petitioners about their act of commission & omission in filling such false & frivolous petition by suppression of material facts on affidavit and take action against them as per law laid down in Lal Bahadur Gautam Vs. State of U.P. (2019) 6 SCC 441 & A Vakil: In re, 1926 SCC OnLine All 365, M. Veerbhadra Rao Vs Tek Chand AIR 1985 SC 28 ;
(g) Pass any other order which this Hon’ble Court deems fit & proper under the facts and circumstances of this case.”