भारत सरकार के निर्देशनुसार वैक्सीन से पत्नी की मौत के मामले में पती द्वारा अदार और सायरस पूणावाला के खिलाफ हत्या का केस दर्ज।
पिडीत व्यक्ती की पत्नी को कोव्हीशिल्ड लेने की वजह से कैन्सर होकर उसकी मौत होने की डॉक्टरों द्वारा पुष्टी।
पिडीत पती ने नांदेड़ कोर्ट में दायर किया केस।
IPC की धारा 302, 304, 166, 167, 420, 417, 115, 120B, 34, 36, 37, 38, 409, 341, 505, 109, 336, 337 के तहत दायर किया केस।
पिडीत ने माँगा 100 करोड़ का मुआवजा।
वैक्सीन पूर्णतः सुरक्षित है ऐसा झूठा प्रचार कर उसके जानलेवा दुष्परीणामों की जानकारी होते हुए भी केवल मुनाफे के लिए टीका बेचने के लिए अदार पूनावाला और अन्य के खिलाफ 420, 302 तथा ड्रग्स अँड कॉस्मेटिक ॲक्ट की धारा 27 साथमे ड्रग्स अँड मॅजीक रिमेडीज ॲक्ट की धारा 4, 7, 9 के तहत केस दर्ज किया गया है।
हाल ही मे भारत सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर शपथपत्र में कहा गया है की जिन नागरिको को कोवीड टीका लेने की वजह से परेशानी हुई है वे लोग स्थानीय अदालतों और पुलीस में अपनी केस दर्ज कर सकते है और वे मुआवजा/हर्जाना (Compensation ) भी मांग सकते है। उसी निर्देशो के आधारपर यह केस दर्ज किया गया है ।
कोव्हीशिल्ड टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीटयूट के अदार पूणावालाऔर उनके पार्टनर बिल गेट्स के खिलाफ पहले से ही हत्या के कई केस दर्ज किये जा चुके है और डॉ. स्नेहल लूणावत की मौत के मामले में 1000 करोड़ रूपये के मुआवजे के लिए दायर याचिका का संज्ञान लेते हुए बॉम्बे हायकोर्ट ने उन्हें और सरकार को नोटीस जारी किया है।
कोव्हीशिल्ड टीके के दुष्परिणामों से होनेवाली मौत की वजह से उसपर करीब 21 युरोपीयन देशो ने पाबंदी लगा दी गई थी।
इसमें आरोपीयो को गैरकानूनी काम में मदद कर टीका लेने के लिए जबरदस्ती करने वाले गैरक़ानूनी नियम बनाने वाले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव सीताराम कुंटे सहीत अन्य अधिकारीयो को भी आरोपी बनाया गया है। अन्य आरोपियो मे
(i) सुरेखा फुलारी , आशा वर्कर
(ii) डॉ. विपिन इतनकार जिलाधिकारी
(iii) डॉ. बी. जी. सोमानी, DGCI दिल्ली
(iv) डॉ. साधना तायड़े आरोग्य मंत्रालय, मुंबई
पिडीत पती की ओरसे नांदेड़ के जाने माने वकिल और पूर्व पुलीस अभियोक्ता ॲड. राजेश ओझा पैरवी कर रहे है।
मानव अधिकार कार्यकर्त्ता मूर्सलीन शेख ने पिडीत को न्याय मिलाने में सभी प्रकार की सहायता की है ऐसी जानकारी पिडीत सय्यद शब्बीर सय्यद मीर ने दी है ।
शिकायतकर्ता ने अपनी केस में यह बताया है कि उसकी पत्नी को दिया गया टीका यह जानलेवा दुष्परिणामो वाला था लेकिन उसे झूठ बताया गया कि टीका पूर्णतः सुरक्षित है तथा टीका नहीं लेने पर लोकल ट्रेन, नौकरी, ऑफिस आदि जगहों पर आने-जाने में पाबंदी लगाकर उसके रोजगार पर रोक लगाकर उसकी पत्नी का टीका लेने पर मजबूर किया गया। जिसकी वजह से उसकी पत्नी को कॅन्सर हो गया और उसकी मौत हो गई इसलिए सभी लोग हत्या के दोषी है ।
सुप्रीम कोर्ट और मुंबई हाई कोर्ट ने फरवरी और मई 2022 को आरोपी अधिकारियों के सारे निर्बंध को झूठ पर आधारित गैरकानूनी और भारतीय संविधान के खिलाफ मानते हुए खारिज कर दिया।
इसके अलावा कोव्हीशील्ड टिके के दुष्परिणामो से खुन जमकर मौत होने की वजह से 21 युरोपियन देशों ने उस टीके को मार्च 2021 से ही बॅन कर दिया था लेकिन आरोपी अधिकारी और टीका कंपनी ने भारत में उसी दोषपूर्ण जानलेवा टीके को धोखे से झूठ बोलकर और गैरकानूनी निर्बंध के जरिए लोगों को लगवा कर उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन कर उनकी जान खतरे में डाल दी।
कोव्हीशील्ड टिके के दुष्परिणाम पर पीड़ितों को मुआवजा देने का दुनियाभर की अदालतो ने सरकार को आदेश दिया है।
उस आदेश से देश में सभी वैक्सीन पीड़ितों को मुआवजा मिलने में फायदा होने वाला है
कोर्ट ने कहा कि स्वस्थ व्यक्ति का टीका लेकर या लेने के बाद बीमार गिरना, हाथ पैरों में दर्द होना या अन्य दुष्परिणाम होना यही बात पीड़ित को मुआवजा देने के लिए काफी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी टीके के दुष्परिणाम के पीड़ितों को मुआवजा देने की पेशकश की है।
आज देश भर में हर दिन कई युवाओं की मौत हार्ट अटैक (Myocarditis ) से हो रही है जोकि कोव्हीड नामक टीके का ही दुष्परिणाम है जो कोवीड (कोरोना) टिका लेने से होता है.
सिंगापुर सरकार ने ऐसे एक युवा को 1 ,78 करोड़ रूपये का मुआवजा दिया है।
शिकायतकर्ता को भी टीका लेने के बाद लगातार सर दर्द की शिकायत होने लगी है।
अधिक जानकारी के लिए अव्हेकन इंडिया मूवमेंट की वेबसाइट पर देखें
Link: https://awakenindiamovement.com/
भारत में भी हाईकोर्ट ने Devilal Vs M.P State Through Chief Secretary 2017 SCC OnLine MP 2322 मामले में टीके के दुष्परिणाम में करीब ₹30 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया था।
लकवा, हाथ पाव में दर्द, सर दर्द आदि सभी दुष्परिणामों में मिलेगा मुआवजा सुप्रीम कोर्ट ने Balram Prasad (2014) 1 SCC 384 मामले में डॉक्टरों की लापरवाही के लिए पीड़ित को ₹ 11 करोड़ का मुआवजा दिया था।
कोव्हीशील्ड के जानलेवा दुष्परिणामों की वजह से 21 यूरोपियन देशों ने उस ठीके पर पाबंदी लगा दी है।
कोरोंना टीके की वजह से दिल से संबंधित बीमारी युवको में होने की वजह से सिंगापुर सरकार ने पीड़ित को 1 करोड़ 78 लाख रुपए दिए हैं।
डॉक्टर स्नेहल लूनावत और अन्य कई मौत लोगों की मौत कोव्हीशील्ड से होने की बात भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर शपथपत्र में कबूली है।
डॉ. स्नेहल लुणावत के पिताजी द्वारा 1000 करोड़ रुपए की अंतरिम मुआवजा वाली मांग की मुंबई हाईकोर्ट में दायर याचिका को कोर्ट ने सुनवाई योग्य मानते हुए कोव्हीशील्ड वैक्सीन कंपनी सीरम इन्स्टिट्यूट के मालिक अदार पुणावाला, बिल गेट्स, डॉ. रणदीप गुलेरीया और अन्य लोगो को नोटीस जारी कर उनसे जवाब याचिका है की क्यू ना पीडित पिताजी की मांग मंजूर की जाए।
इस तरह की कई याचिकाओ पर ऐसे आदेश सुप्रीम कोर्ट और देशभर के कई हाईकोट ने जारी किया है
अब नजदीकी समय मे देशभर मे करोडो लोगो द्वारा ऐसे कैसेस दायर किये जाने के संकेत है.
1. कोव्हीड टीका (Covid Vaccine) लेने के बाद अगर किसी भी व्यक्ति को कोई भी दुष्परिणाम होता है या उसकी मौत होती है तो उसे मुआवजा (Compensation) देने का प्रावधान विश्व स्वास्थ संगठन (World Health Organization) ने कर रखा है।
उसमें आवेदन करने की अंतीम तिथी 30th जून 2022 है। लेकिन किसी ने आपको यह बात नहीं बताई।
2. इसके अलावा दुनियाभर के देशों ने अपने अपने स्तर पर नागरिकों को हर्जाना दिया है।
उदाहरण के तौर पर:-
(i) सिंगापूर सरकार ने एक युवक को टीके के कारण उसके हृदय की गति बढ़ने का दुष्परिणाम होने पर उसे तुरंत 1 करोड़ 78 लाख रुपये (320,931.43 Singapore Dollars) का मुआवजा दिया है।
Link: https://greatgameindia.com/pfizer-heart-attack-compensation/
(ii) थायलैंड सरकार ने कोरोना टीके से दुष्परिणाम के बारे में करीब 14,034 हजार लोगों को अब तक 1.71 billion (around 400 crores) रुपये हर्जाने के तौर पर दिये है। उसमें करीब 3670 लोगों को कोरोना (Covid-19) टीके के वजह से मौत होने के कारण मुआवजा दिया गया ।
Link: https://www.bangkokpost.com/thailand/general/2292514/b1-7bn-for-adverse-jab-effects
(iii) अमेरीका ने MPV व्हॅक्सीन से होनेवाले दुष्परिणाम की वजह से एक बच्ची के माता पिता को करीब 7500 करोड़ रुपये मुआवजा दिया है।
Link: https://dailyexpose.uk/2022/03/26/us-gov-1-billion-to-falsely-promote-covid-vaccine/
(iv) अमेरीका के अधिकारीयों ने दवाई के दुष्परिणाम छुपाकर लोगों को दवाई बेचनेवाली कंपनी Glaxo Smith Klein से करीब 10 bn U.S. Dollar मतलब 75,000 करोड़ रुपये वसूले है और उसमे से पीड़ितों को 1.2 bn USD मतलब करीब 10,000 करोड़ रुपये दिये है।
(v) भारत में टीके से होनेवाले दुष्परिणाम के बारे में मा. उच्च न्यायालय ने Devilal v. State of M.P. 2017 SCC OnLine MP 2322 केस में दस लाख रुपये मुआवजा और केस के निर्णय तक का 12% प्रतिवर्ष ब्याज की रक्कम देने का आदेश दिया है। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है की टीका लेने के बाद अगर शरीर पर कोई भी दुष्परिणाम होता है तो डॉक्टर अगर उस दुष्परिणाम को टीके से संबंधित ना होने का भी बयान देते है लेकिन टीके के दुष्परिणामों के WHO या अन्य संस्था की दुष्परीणामों की लिस्ट में वह दुष्परिणाम है तो टीका कंपनी/सरकार को हर्जाना देना ही पड़ेगा।
Link:https://drive.google.com/file/d/1_x4xYeWsxatt8P_bcOQp8ryWNgQnIVEX/view?usp=sharing
(vi) कोव्हीड टीका लेने की वजह से लोगों में और बच्चों में निम्न लिखित दुष्परिणाम पाये जा रहे है :
(i) मौत होना
(ii) Myocarditis
(iii) दिल का दौरा पड़ना (Heart Attack)
(iv) बहरापन (Deafness)
(v) अंधापन (Blindness)
(vi) खुन मे गुठलीया जमना (Blood Clotting)
(vii) मस्तिष्क संबंधी बिमारीया
(viii) लकवा (Paralysis)
(ix) डायबिटीज (शुगर लेवल बहुत जादा बढ़ जाना)
For more details visit the AIM website at following link:
Link: https://awakenindiamovement.com/
3. कोव्हीशील्ड टीके के दुष्परिणाम की वजह से खुन की गुठलीया जमने से डॉ. स्नेहल लुनावत की मौत होने की बात भारत सरकार की AEFI समीती ने मानी है।
Link:https://drive.google.com/file/d/1_EZH9HhGknEHfbnPR8jeam5OxGEjIbiE/view
डॉ. स्नेहल लुनावत के पिता ने टीका कंपनी और सरकार की तरफ से 10000 करोड़ रुपये का अंतरीम मुआवजा लेने के लिए Writ Petition Bombay High Court मे दायर की है। [Writ Petition No. 5767 of 2022]
Download the petition copy here:
Link:https://indianbarassociation.in/wp-content/uploads/2022/01/Snehal-Lunawat-Petition.pdf
4. केरल की 19 वर्षीय नोवा साबू की मौत कोव्हीशिल्ड टीका लेने की वजह से हुई और उनके माता–पिता ने 10 करोड़ रुपये मुआवजे के लिए याचिका Writ Petition केरला हाई कोर्ट में दायर की है। उस मामले का संज्ञान लेते हुये उच्च न्यायालय ने सरकार को नोटीस जारी कर जबाब दायर करने को कहा है।
5. मुंबई (वसई–विरार) के हितेश कडवे नामक 23 वर्षीय युवक की मौत कोव्हीशिल्ड टीका लेने की वजह से हुई और उसकी माँ श्रीमती किरण यादव ने 100 करोड़ रुपये के नुकसान भरपाई के लिए बॉम्बे हाय कोर्ट में याचिका दायर की है। [WP/6159/2021]
उस याचिका में टीका निर्माता कंपनी सिरम इंस्टीट्यूट के मालिक अदार पूनावाला और उनके पार्टनर बिल गेट्स को आरोपी बनाया गया है। याचिकाकर्ता ने आरोपियों और संबंधीत अधिकारीयों के खिलाफ IPC की धारा 115, 302, 120(B), 304-A, 34, 109 आदि धाराओं के तहत F.I.R. दर्ज कर कारवाई की की मांग की है।
Link: English News
Hindi News
i)https://rashidkhanvaccineblog.blogspot.com/2022/05/blog-post.html
ii) https://goonj.co.in/petition-by-deceased-youths-mother-named-bill-gates-as-habitual-mass-murderer/
Marathi News
i)https://supremecourtnewss.blogspot.com/2021/11/blog-post_23.html
Download the petition copy here:
Link:https://drive.google.com/file/d/1Rn80JbSDCZslnOLk6GmRdJ4KMPqUFbIu/view
6. मा. सर्वोच्च न्यायालय ने Jacob Puliyel Vs. Union of India 2022 SCC OnLine SC 533 मामले में स्पष्ट किया है की स्थानिय सरकारी अधिकारियों द्वारा टीका लेने के लिए सक्ती करना या उन्हें किसी सरकारी सुविधाओं से वंचित रखना यह गैरकानूनी है और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का (Article 21) हनन करनेवाले है। कोर्ट ने माना की टीका लेनेवाले भी सुरक्षित नहीं है और वे भी संक्रमण फैलाते है। इसलिए टीका लेनेवाले भी कोरोना के सुपर स्प्रेडर होकर रोग फैलाते है. ।
Link:https://drive.google.com/file/d/1ujz3Myd_674hXgRLByihU8kzNRqOoX4v/view?usp=sharing
7. मा. मुंबई उच्च न्यायालय ने भी Feroze Mithiborwala Vs. State of Maharashtra 2022 SCC OnLine Bom 457 मामले में स्पष्ट किया की टीका ना लेने पर ट्रेन में सफर नहीं करने देना या किसी भी सुविधा से वंचित रखना यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(d) का उल्लंघन है।
Link:https://drive.google.com/file/d/1Ts5RieWa3dVTl5qQbooOhnVFEkjPVoLA/view?usp=sharing
8. मा. गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने Re Dinthar Incident Vs. State of Mizoram 2021 SCC OnLine Gau 1313 और Madan Mili Vs. Union of India 2021 SCC OnLine Gau 1503 मामले में स्पष्ट किया है की किसी भी नागरिक को टीका नहीं लेने की वजह से किसी भी सुविधा से वंचित रखना संविधान के अनुच्छेद 14, 19, और 21 का उल्लंघन है।
कोर्ट में कहा है की टीका लेनेवाले भी कोरोना से संक्रमित हो रहे है और वे भी संक्रमण फैला रहे है। इसलिए टीका नहीं लेनेवाले व्यक्ति को सुविधाओं से रोकना गैरकानूनी है।
Link: i) https://drive.google.com/file/d/1m50c0ytxpijyAHpyzHV-Gt2KAOBNOn5k/view
ii)https://drive.google.com/file/d/1PEF53VmPMr4P7kKt8JQeNMQbcZtYHAaY/view
9. गुवाहाटी और मनीपूर उच्च न्यायलय ने Dr. Aniruddha Babar Vs. State of Nagaland 2021 SCC OnLine Gau 1504 और Osbert Khaling Vs. State of Manipur and Ors. 2021 SCC OnLine Mani 234 मामले में स्पष्ट किया की टीका नहीं लेने की वजह से किसी भी व्यक्ति का वेतन रोकना किसी का राशन रोकना गैरकानूनी है।
Link:i)https://drive.google.com/file/d/1d66zssOSaCXcRNUspZsu6oXISmYfVxbZ/view
ii)https://drive.google.com/file/d/1cLKR3LutxomKX3BbmaIBwQ9SfUhdvIJQ/view
10. मेघालय उच्च न्यायालय ने Registrar General Vs. State of Meghalaya High Court of Meghalaya 2021 SCC OnLine Megh 130 मामले में स्पष्ट किया है की अगर किसी व्यक्ति को झूठ बोलकर या दबाव डालकर टीका लेने के लिए मजबूर किया या उसे टीका दिया गया तो आरोपी अधिकारी/डॉक्टर्स के खिलाफ फौजदारी (criminal) केस हो सकती है और पीड़ित व्यक्ति मुआवजा/हर्जाना (Compensation) पाने का हक़दार है।
Link:https://drive.google.com/file/d/129Rd9kYFJnKez8gZDYxwgAw60ohndK2b/view
11. केंद्र सरकार ने दिनांक 25 अक्टूबर, 2021 को डॉ. जैकब पुलियेल बनाम. भारतीय संघ WP (C) 607/ 2021 मामले मे दायर कीये गए अपने हलफनामे मे यह स्पष्ट कर दिया कि कोविड वैक्सीन निर्माण कंपनियों को अभियोजन से कोई सुरक्षा नहीं है।
इसलिए कोई भी व्यक्ति वैक्सीन कंपनियों के खिलाफ वैक्सीन के जानलेवा दुष्प्रभावों को छुपाने के लिए उनपर मुकदमा दर्ज कर सकता है।
Central government in its affidavit dated 25th October, 2021 in Dr. Jacob Puliyel Vs. Union of India W.P. (C) no. 607 of 2021 case made it clear, that the covid vaccine manufacturing companies are not having any protection from prosecution.
Therefore, any person can file a lawsuit against the vaccine companies for hiding the deadly side effects of the vaccine.
Link: Dr. Jacob Puliyel Vs. Union of India W.P. (C) no. 607 of 2021 Affidavit
[Please read para 65]
Link:https://drive.google.com/file/d/1guIsUklRpLLOuBcSUl9sQEEOSe3wDiwk/view?usp=sharing:
अधिक जानकारी के लिए अव्हेकन इंडिया मुव्हमेंट की वेबसाईट पर संपर्क करे.