सुशांत सिंग राजपूत और दिशा सालियन हत्या मामले में आदित्य ठाकरे के साथ उद्धव ठाकरे, सचिन वाझे, रिया चक्रवर्ती, राजदीप सरदेसाई, डिनो मौर्य, आदी को भी हिरासत में लेने की नई याचिका कोर्ट में दायर।
आरोपीयो को बचाने के लिए झूठी न्यूज चलानेवाले राजदीप सरदेसाई, इंडिया टुडे ग्रुप और लोकमत ग्रुप के खिलाफ कोर्ट अवमानना कानून 1971 की धारा 2(b), (c), 12 और IPC की धारा 201, 192, 193, 120(B) के तहत कारवाई कर उन्हें सजा देने की मांग।
रशीद खान पठाण ने शपथपत्र पर दायर किये नये सबूत।
रिया चक्रवर्ती और राजदीप सरदेसाई का झूठ उजागर करनेवाले पुख्ता सबूत कोर्ट में पेश.
आदित्य ठाकरे और रिया चक्रवर्ती के सम्बन्ध उजागर करनेवाले सबुत भी पेश.
सभी गवाहों, याचिकाकर्ता उनके वकिल, और मामले में आरोपीयो के गुनाहो का भांडाफोड़ करनेवाले पत्रकार, यु ट्यूबर को पुलीस सुरक्षा देने की मांग।
सभी देशवासियो के लिए मामले की सुनवाई का ‘Live Telecast’ करने की मांग।
भाजपा सरकार के लोगो ने रशीद खान के द्वारा दायर याचिका करने के आरोपो को याचिकाकर्ता ने नकारा।
मुंबई : दिशा सालियन और सुशांत सिंग राजपूत की हत्या, सामुहीक बलात्कार और अनाथाश्रम के छोटे बच्चो के साथ दुष्कर्म के मामले में मुख्य आरोपी आदित्य ठाकरे की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
मामले में याचिकाकर्ता रशीद खान पठाण ने नए शपथपत्र के साथ अतिरीक्त सबूतों को पेश करके आदित्य के साथ ही अन्य आरोपीयो को भी हिरासत में लेकर उनकी भी तहकीकात, नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग टेस्ट, लाय डिटेक्टर टेस्ट आदी वैज्ञानिक और फॉरेंसिक जांच उनके मोबाईल फोन का 6 जून 2020 से दिसंबर 2020 तक का पुरा ब्योरा जांचने और कारवाई करने की मांग की हैं।
अन्य आरोपीयो मे आदित्य के पिता और अपराध के वक्त महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे ऊद्धव ठाकरे, पुलीस अधिकारी सचिन वाझे ,रिया चक्रवर्ती ,राजदीप सरदेसाई ,डिनो मौर्या, इम्तियाझ खत्री, आऊटलूक के पत्रकार श्री. झा , ‘लहरे पत्रीका ‘ के संबंधीत पत्रकार ,महेश भट ,मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडणेकर ,शिवसेना प्रवक्त्ता संजय राउत ,अनिल परब ,पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ,आदित्य के करीबी राहुल कणाल ,पूर्व मुंबई पुलीस कमीशनर परमबीर सिंग ,आदी कई लोगो के नाम शामिल है।
याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए सबूतों से यह साफ होता है की, दिशा सालियन की हत्या के वक्त आदित्य ठाकरे का मोबाईल लोकेशन वह पाया गया था और दिशा की हत्या में उनका हाथ है। सुशांत सींग राजपूत की हत्या का और दिशा की हत्या का सीधा सम्बन्ध है। इसके आलावा दिशा की हत्या की घटना के पहले जो पार्टी हुई थी उसमे अनाथाश्रम से लाये गये बच्चो के साथ भी दुष्कर्म किया गया था।
जब इस मामले की जाँच करने बिहार पुलिस के अधिकारी मुंबई पहुंचे थे तो उन्हें क्वारंटाइन करवाकर जाँच करने से रोका गया था। इसके साथ ही मुंबई पुलीस ने दिशा केस की फाइल गुम हो जाने की झूठी कहानी तैयार की थी। ये सारा खेल आदित्य ठाकरे को केस से बचाने के लिए किया गया था।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के August 2020 के Rhea Chakraborty v. State of Bihar, (2020) 20 SCC 184 मामले में दिये आदेश के बाद मामले की जाँच सीबीआय को सौप दी गई थी।
सीबीआय के जांच अधिकारीयो ने तीन साल से उस मामले मे कोई खास तहकीकात नही की और आरोपीयो को राहत देने का काम किया।
इस बीच इस मामले को सुशांत सिंग राजपूत के प्रशंसक और चाहनेवाले लोग (SSR Warriors) तथा न्यायप्रिय नागरिको ने जिंदा रखा। इस पर लगातार व्हीडीयो युट्यूब और अन्य सोशल मिडीया पर आते रहे और चर्चाए होती रही।आखिर 16 और 17 सितंबर को नई दिल्ली के ‘न्यू महाराष्ट्र सदन ‘ मे ‘ भारतीय जनता की महाअदालत ‘ [Citizen Court of India (CCI)] के सामने इस मामले की सुनवाई हुई और महाअदालत के चीफ जज श्री. निलेश ओझा ने मामले मे जनहीत याचिका दायर करने के आदेश दिये। उसके तुरंत बाद 26 सितंबर 2023 को ‘सुप्रीम कोर्ट एंड हाई कोर्ट लिटीजंटस एसोसिएशन ‘ के अध्यक्ष रशीद खान पठाण ने मुंबई उच्च न्यायालय मे जनहित याचिका दायर की [PIL (st.) No.17983 of 2023]
उस याचिका मे यह मांग की गई की आरोपी आदित्य ठाकरे को हिरासत मे लेकर उससे पुछताछ करने के निर्देश सीबीआय को दिये गए। साथ ही में हाई कोर्ट से सीबीआय को यह निर्देश देने की मांग की गई की मामले में लापरवाही बरतने वाले सीबीआय के दोषी अधिकारीयो के खिलाफ IPC 201, 218, 166, 409 आदी धाराओं के तहत कोर्ट अवमानना कानून 1971 की धारा 2 (b) के तहत करवाई की जाए।
सीबीआय को मामले के 15 महत्वपूर्ण मुद्दों पर जाँच करके एक माह के भीतर पुरी रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करने के आदेश देने की बात कही गई है।
उन 15 महत्वपूर्ण मुद्दों में आदित्य ठाकरे के आलावा सुरज पांचोली, अरबाज खान, एकता कपुर से लेकर कई आरोपीयो और संदिग्धों के फोन कॉल डिटेल्स, लोकेशन और घटना के स्थान के 100 मीटर के दायरे में आनेवाले सभी मोबाईल धारको की जाँच करना भी शामिल है।
इस याचिका के दाखिल होने और उसे मिडिया , सोशल मिडिया पर बहोत बड़े स्तर पर चर्चा होने तथा आम आदमी द्वारा इस मुहीम को मिल रहे समर्थन से आरोपी खेमे में हड़कंप मच गया।
फिर आरोपीयो ने साजिश रच के दो काम किये। पहेले दैनिक लोकमत में 2 अक्टूबर 2023 को एक खबर छपवाई की आदित्य ठाकरे के खिलाफ की याचिका भाजपा और मुख्मंत्री शिंदे की सरकार द्वारा दायर करवाई गयी है।
बादमे 5 अक्टूबर 2023 को अन्य आरोपी रिया चक्रबोर्ती का फिरसे एक बार एक इंटरव्यू राजदीप सरदेसाई द्वारा इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में करवाया गया। जिसमे सुशांत सिंह राजपूत की हत्या को आत्महत्या दिखाने और रिया चक्रबोर्ती तथा अन्य आरोपीयो को निर्दोष दिखाने का असफल प्रयास किया गया।
आरोपीयो के इन सब झूठ के खिलाफ रशीद खान पठान ने एक नई याचिका दायर की है। [I.A. No._____ of 2023 IN PIL (st.) No.17983 of 2023]
उस याचिका में आदित्य ठाकरे, रिया चक्रबोर्ती, राजदीप सरदेसाई और अन्य आरोपीयो की साजिश को उजागर करने वाले सबूत पेश किये गये साथ में ऐसे दोषियों पर कारवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशो के अनुसार दोषीयो को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ सिबिआय द्वारा कारवाई और हाई कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ कोर्ट अवमानना की कारवाई करने की मांग की गई है.
इस याचिका में SSR Warriors द्वारा दिये गये सबूतो के आधारपर यह भी बताया गया है की सुशांत सिंह राजपूत के बैडरूम का ताला १४ जून २०२० को करीब दोपहर १:४५ बजे तोड़ने के बाद उनकी आत्महत्या की बात मालुम चलने की जो कहानी रची गई थी वो इस बात से जूठी साबित होती है की डीनों मोरीया ने सुबह ५:२१ बजे ही इस बारे ट्विट कर दिया था और “आउट लुक” तथा “लहरे” नामक पत्रिका ने अपनी वेडसाइट पर ऑनलाइन १३ जून को मध्यरात्रि को ही यह न्यूज़ प्रकाशीत कर दी थी की सुशांत सिंह राजपूत की मौत हो गयी है.
याचिका में मुंबई पुलिस के असिस्टेंट कमिशनर ऑफ़ पुलिस श्री. शामकुमार निपोंगे द्वारा रिपब्लिक भारत ( R-BHARAT) को दिये गये इंटरव्यू को भी आधार बनाया गया है जिसमे उन्होने बताया की इन हत्याओ को आत्महत्या दिखाने के आदेश तत्कालीन पुलीस कमिश्नर परमबीर सिंग ने दिए थे और डॉ. घाटगे जिह्नोने हत्या को आत्महत्या बताने वाली पोस्ट मार्टम रिपोर्ट दी थी वो डॉक्टर ऐसे अपराधों में पहले भी लिप्त पाया गया है और उसने मनसुख हिरेन हत्या मामले में भी झूठी पोस्ट मार्टम रिपोर्ट देकर आरोपी सचिन वाझे को बचने का प्रयास किया था लेकिन NIA ने सबूतों के आधारपर सचिन वाझे को मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। तथा वो पिछले २ साल से जेल में है।
इसलिए डॉ. घाटगे, सचिन वाझे , परमबीर सिंग आदी सभी लोगो की जाँच होना जरुरी है।
सुशांत सींग राजपूत की पोस्ट मार्टन रिपोर्ट का झूठ साबित करने वाले एक्सपर्टस के इंटरव्ह्यू और स्टींग ऑपरेशन के सबूत भी याचिकाकर्ता ने दे दिए है।
याचिकाकर्ताने हाई कोर्ट से मांग की है की इस मामले को उठाने वाले सभी गवाहों, वकीलों और मिडीया रिपोर्टर को पुलीस सुरक्षा दी जाए.
इस याचिका में जिन लोगो के मोबाईल फोन डिटेल्स, टावर लोकेशन और वहा के सीसीटीव्ही फुटेज की मांग की गई है वे निम्नप्रकार है :-
(i) उद्धव ठाकरे
(ii) सचिन वाझे
(iii) रिया चक्रवर्ती
(iv) सूरज पांचोली
(v) संदीप सिंग
(vi) डिनो मोर्या
(vii) राहुल कणाल, [आदित्य ठाकरे के मित्र और उनके और रिया चक्रवर्ती के बीच की कड़ी]
(viii) इम्तियाझ खत्री
(ix) अरबाझ खान
(x) शौविक चक्रवर्ती
(xi) एकता कपुर
(xii) संजय राऊत, शिवसेना सांसद
(xiii) अनिल परब , शिवसेना नेता
(xiv) किशोरी पेडणेकर, मुंबई की पूर्व महापौर
(xv) परमबीर सिंग, तत्कालीन पुलीस कमीश्नर
(xvi) दिशा सालियन केस की फाइल गुमने की कहानी बनाने वाले मुंबई पुलिस के अधिकारी
(xvii) आदित्य ठाकरे की सुरक्षा में मौजूद सभी पुलीस अधिकारी
(xviii) डॉ. घाटगे (जिन्होंने हत्या को आत्महत्या दिखाने वाली झूठी पोस्ट मार्टम रिपोर्ट बनाई थी। )
(xix) डॉ. सुधीर गुप्ता, AIIMS दिल्ली.