दिशा सालियन केस में हाईकोर्ट की राज्य सरकार को फटकार

ख्य सचिव का शपथपत्र क्यों नहीं?” — कोर्ट का सवाल; सरकारी वकील घबराए, अगली सुनवाई 16 जुलाई को
मुंबई, 1 जुलाई | प्रतिनिधि
दिशा सालियन की रहस्यमय मौत से जुड़े मामले में दाखिल विभिन्न याचिकाओं पर आज बॉम्बे हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई। इस सुनवाई में शिवसेना (उद्धव) के विधायक आदित्य ठाकरे, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोपों पर राज्य सरकार द्वारा दाखिल जवाब को लेकर कोर्ट ने सख्त नाराज़गी जताई।
“मुख्य सचिव का शपथपत्र कहाँ है?” — कोर्ट का सीधा सवाल
पिछली सुनवाई (30 अप्रैल 2025) में हाईकोर्ट ने साफ निर्देश दिए थे कि इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य के मुख्य सचिव स्वयं शपथपत्र के जरिए जवाब दाखिल करें।
लेकिन आज की सुनवाई में सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि तपास अधिकारी (IO) अनुपस्थित हैं और केवल एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ने जवाब दाखिल किया है।
इस पर अधिवक्ता निलेश ओझा ने कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद एक कनिष्ठ अधिकारी से जवाब दिलवाया गया, जो कि सीधा न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है।
कोर्ट ने सख्त लहजे में पूछा —
“मुख्य सचिव का शपथपत्र क्यों नहीं दाखिल किया गया? आदेश की अवहेलना क्यों की गई?”
सरकारी वकील कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
जब कोर्ट ने पूछा —
“क्या मुख्य सचिव ने इस पुलिस निरीक्षक को जवाब देने के लिए अधिकृत किया है?”
तो इसका जवाब भी आया — “नहीं।”
सरकार के वकील तैयार नहीं, कोर्ट सख्त
इसके बाद कोर्ट ने पूछा कि क्या सरकार की ओर से अंतिम बहस के लिए तैयारी है।
जब सरकारी वकील ने मना किया, तो कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा —
“अब कोई ढील नहीं दी जाएगी। अगली सुनवाई यानी 16 जुलाई 2025 को पूरी तैयारी और लिखित निर्देशों के साथ हाजिर रहें।”
परजरी और अवमानना का मुद्दा भी उठा
आदित्य ठाकरे के वकील सुदीप पासबोला ने कोर्ट में दलील दी कि
“श्री सतीश सालियन ने पुलिस में शिकायत किए बिना सीधे हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की।”
इस पर अधिवक्ता निलेश ओझा ने कड़ा विरोध करते हुए कोर्ट से कहा —
“यह बयान रिकॉर्ड पर लिया जाए, क्योंकि यह तथ्यात्मक रूप से झूठा है और यह न्यायालय को गुमराह करने का कृत्य है, जो ‘परजरी (झूठा शपथपत्र)’ और ‘अवमानना’ के अपराध के अंतर्गत आता है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि श्री सतीश सालियन ने 25 मार्च 2025 को 75 पन्नों की लिखित शिकायत पुलिस को दी थी, जिसकी प्रति न्यायालयीन रिकॉर्ड में उपलब्ध है।
अभी इन याचिकाओं पर सुनवाई शेष
तारीख याचिका / आवेदन संख्या विवरण
21-03-2025 रिट याचिका क्र. 1612/2025 सतीश सालियन द्वारा दायर
15-04-2025 I.A. क्र. 8109/2025 जांच अधिकारी और मीडिया के खिलाफ अवमानना
26-06-2025 I.A. क्र. 13010/2025 PI शैलेन्द्र नगरकर के झूठे शपथपत्र पर आपत्ति
01-07-2025 I.A. क्र. 13279/2025 आदित्य ठाकरे व उनके वकीलों के खिलाफ
फौजदारी कार्यवाही की मांग
“यह केवल एक केस नहीं, लोकतंत्र के खिलाफ साजिश है” — अड. ओझा
सुनवाई के बाद मीडिया से बात करते हुए अड. निलेश ओझा ने कहा:
“यह एक सामान्य कानूनी मामला नहीं, बल्कि सच्चाई को दबाने के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग है। जांच अधिकारी और सरकारी वकील, दोनों ने जानबूझकर कोर्ट को अंधेरे में रखने की कोशिश की है।”
अब अगली सुनवाई 16 जुलाई 2025 को होगी। कोर्ट का रुख और सख्त होने के पूरे आसार हैं।