कोर्ट ने दिया अदार पूणावाला और सीरम इंस्टिट्यूट को १०,००० करोड़ के मुआवजे का नोटीस
कोर्ट द्वारा कोव्हीशील्ड टीके के जानलेवा दुष्परिणाम छुपाकर टीका पूर्णतः सुरक्षित है ऐसा झूठा दावा कर लोगो को धोखे से टीका देने पर पाबंदी क्यू न लगायी जाए ऐसा कारण बताओ (show-cause) नोटीस भी जारी.
कोर्ट ने सीरम इंस्टिट्यूट और अदार पूणावालाको अव्हेकन इंडिया मुव्हमेंट के सदस्यो की खिलाफ दुष्प्रचार करने से प्रतीबंधीत करने के आदेश क्यू न दिये जाए ऐसा भी कारण बताओ नोटीस जारी किया है.
प्रकाश पोहरे के तरफ से पूर्व जज ओंकार काकडे , इंडियन बार एसोसिएशन के राष्ट्रिय अध्यक्ष नीलेश ओझा पैरवी कर रहे है और साथ मे इंडियन लॉयर्स अँड ह्यूमन राईट्स असोसिएशन के करीब 500 वकीली ने भी अपना समर्थन दिया है
अव्हेकन इंडिया मुव्हमेंट के सहयोग से डॉ. स्नेहल लुणावत की कोव्हीशील्ड से मौत होने के मामले में 1000 करोड़ के मुआवजो की याचिका में बॉम्बे हायकोर्ट द्वारा अदार पूणावाला और बिल गेट्स को नोटीस जारी किया गया।
कोव्हीशील्ड टीके के दुष्परिणामों से लोगो मे खासकर युवाओ मे दिल का दौरा पड़ने से मौत, लकबा,जोडो का दर्द , अंधापन, बहरापन,डायबीटीज,किडनी फेल होना, कैंसर, त्वचा रोग, दीमागी (न्यूरॉलॉजिकल) समस्याये, किसी भी बीमारी से लडने की क्षमता कम हो जाना, कोरोना से ज्यादा टीके से मौत होना .ऐसे शोधपत्र और शिकायते दुनियाभर से आ रही है.
ऐसे ही कारणो से २१ युरोपीयन देशो कोव्हीशील्ड पर पाबंदी लगा दी गयी है लेकिन अदार पूणावाला और उनके भागीदार बिल गेट्स ने देश के स्वास्थ सचिव राजेश भूषण जैसे भ्रष्ट लोगो को साथ लेकर टीका पूर्णतः सुरक्षित है ऐसा झूठ बोलकर धोखे से और कई बार जबरदस्ती से टीकाकरण करवा के देश के करोडो लोगो की जान धोखे में डाल दी।
इसके खिलाफ अव्हेकन इंडिया मुव्हमेंट, इंडियन बार एसोसिएशन और अन्य कई जागरुक देशभक्त मानवाधिकार संगठनों ने आवाज उठाई, आरोपीयो के खिलाफ केसेस दर्ज कराये और कई मामलो में कोर्ट से गैरकानूनी निर्बंधो को खारीज करवाने के आदेश प्राप्त किया अव्हेकन इंडिया मुव्हमेंट के सहयोग से डॉ. स्नेहल लुणावत की कोव्हीशील्ड से मौत होने के मामले में 1000 करोड़ के मुआवजो की याचिका में बॉम्बे हायकोर्ट द्वारा अदार पूणावाला और बिल गेट्स को नोटीस जारी किया गया।
Link: https://drive.google.com/file/d/11oiYAbwIcTPe_0J2zAUynVEipggrM14O/view?pli=1
इन सभी देशभक्त आंदोलन कारीयो को अपने राष्ट्रीय कार्य से परावृत्त करने के लिए अदार पूणावाला ने पूणा पुलीस में एक झूठी शिकायत दर्ज कर अव्हेकन इंडिया मुव्हमेंट के सदस्यों को गिरफ्तार करने की मांग की। पुणे पुलीस ने सीरम इंस्टीट्यूट की झूठी शिकायत को खारीज कर दिया।
उसके बाद देशभरसे अव्हेकन इंडिया मुव्हमेंट के करीब 3000 से अधिक सदस्यों द्वारा सीरम इंस्टीटयूट को करीब 4 लाख करोड़ के मुआवजे के नोटीस भेजे गए।
उस का कोई भी जबाब सीरम इन्टीट्यूट और अदार पूणावाला नहीं दे पाए.
संस्था के वरीष्ठ सदस्य तथा दैनिक देशोन्नती के एडिटर-इन-चीफ प्रकाश पोहरे ने भेजे 10,000 करोड़ के मुआवजे के नोटीस को जबाब न मिलने पर उन्होंने नागपूर कोर्ट में केस दायर किया. कोर्ट के नियम के तहत के 10,000 करोड के मुआवजे के लिए 3 लाख रुपये का कोर्ट फी भरना होता है वह राशी भी श्री. पोहरे ने कोर्ट में जमा कर दी.
12 एप्रिल 2023 को पोहरे के वकिल पूर्व जज ओंकार काकडे की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने केस का संज्ञान लेते हुए अदार पूणावाला, सीरम इन्स्टीट्यूट और विवेक प्रधान को नोटीस जारी कर 20 एप्रिल 2023 तक जबाब देने का आदेश किया है.कोर्ट द्वारा जारी नोटीस में यह भी स्पष्ट किया गया है की अगर 20 एप्रिल 2023 को अदार पूणावाला खुद या अपने वकिल के माध्यम से हाजिर होकर जवाब दाखिल नही करते है तो उनकी अनुपस्थिती मे कोर्ट सुनवाई करेंगा और आदेश देंगा।
सिव्हील केस के कानूनी प्रावधानों के अनुसार दावे पर पर जबाब देने की अवधी 60 दिन है और प्रतिबंधित आदेश (Injunction) पर तुरंत 20 एप्रिल 2023 को जवाब देना है।
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