खुनी पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को फिरौती वसूली और अन्य अपराध करने के लिए सेवा में वापस लिए जाने के मामले में उद्धव ठाकरे के खिलाफ उम्रकैद की सजा का शिकायत दर्ज।
मुख्यमंत्रित्व काल में पद का दुरुपयोग कर उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर के सेवा में वापस लिए जाने के आरोप।
अन्य आरोपियों में तब के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे, तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख, तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह शामिल।
आईपीसी 409, 166, 120 (बी), 34, 109 के तहत कारवाई के लिए शिकायत दर्ज।
मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में भी सचिन वाझे को उद्धव ठाकरे द्वारा बचाने की कोशिश और एनआईए और सीबीआई जांच का विरोध करने के लिए जनता के पैसे के दुरुपयोग का खुलासा।
मामले की जांच सीबीआई और एनआईए से कराने की मांग।
सचिन वाज़े द्वारा दिशा सालियान हत्याकांड में सबूत नष्ट करना और अन्य अपराध करने का आरोप।
हाल ही में राज्य के उद्योग मंत्री श्री। उदय सामंत ने भी सीधा आरोप लगाया था की आदित्य ठाकरे द्वारा सचिन वाज़े को डिपार्टमेंट में वापिस लाने और उसने मुकेश अम्बानी के घर के सामने विस्फोटक रखकर फिरौती मांगने का प्रयास करने की घटनाओ की वजह से महाराष्ट्र से कई बड़े उद्योग बाजूके राज्योंमे चले गये |
मुंबई :- ख्वाजा यूनुस और मनसुख हिरेन की हत्या मामले में आरोपी पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को अवैध सहायता देने के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख और तत्कालीन पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे और तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 166, 120 (बी), 34, 109 आदि के तहत मामला दर्ज कर के सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। IPC 409 में सार्वजनिक धन का दुरुपयोग तथा सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने वाले अधिकारियों, लोक सेवकों और मंत्रियों को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
इस बारे में विस्तृत खबर ये है कि,पुलिस बल में कार्य करते समय मुम्बई में ख्वाजा यूनुस नामक युवक की हत्या करके हत्या के सबूत मिटाने के मामले में उच्च न्यायलय के आदेश के मुताबिक सचिन वाझे के खिलाफ आईपीसी 302, 201, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया और सचिन वाझे को गिरफ्तार कर लिया गया। उच्च न्यायालयने सचिन वाझे को पुलिस सेवा से निलंबित करने का भी आदेश दिया। [ W.P. No. 1343 of 2004 order dated -7th April 2004]
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इसके बाद सचिन वाझे को 16 साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया. वो 16 साल तक सस्पेंड (निलंबीत) रहे। बाद में उन्होंने उद्धव ठाकरे की शिवसेना पार्टी भि ज्वाइन की। उद्धव ठाकरे अपने गलत कामो और अपराधों को करने के लिए सचिन वाज़े को अवैध तरीके से पुलिस बल में फिर से शामिल करवाने के लिए 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़वानीस पर दबाव डाला था। लेकिन देवेन्द्र फड़वानीस ने इस गैरकानूनी मांग को मानने से इनकार कर दिया।
Title: Uddhav Thackeray asked me to reinstate Sachin Waze in force when I was CM: Devendra Fadnavis
फिर 2019-20 में, उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने और उन्होंने पद का दुरुपयोग किया और तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह और तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के माध्यम से गैरकानूनी तरीके से उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हूए और सचिन वाझे को पुलिस बल में फिर से शामिल करवाया गया और उन्हें तुरंत विशेष विभाग सौंप दिया गया और उनके माध्यम से कई अपराध किए गए, जिसमें हफ्ता वसूली, आदित्य ठाकरे द्वारा दिशा सालियान के सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में सबूतों को नष्ट करना, गवाहों को डराना और आरोपियों को बचाने के लिए झूठे सबूतों और पुलिस रिकॉर्ड का इस्तेमाल करना ऐसे कई अपराध किये गये।
इसके अलावा सचिन वाझे ने मुकेश अंबानी को डराकर उन से ज़बरदस्ती फिरौती वसूलने के लिए उनके घर के सामने जिलेटिन विस्फोटक से भरी कार रखकर उस कार के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या कर दी और फिर मामले की सच्चाई सामने आने से रोकने के लिए उन्होंने झूठी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार की, जिसमे मनसुख हिरेन की मौत डूबने से हुई।
इसके बाद भी आरोपी उद्धव ठाकरे और अन्य आरोपीयो ने सचिन वाझे को बचाने की काफी कोशिश की लेकिन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सारे सबूतों की जांच के बाद जैसे ही यह साबित हुआ कि हत्या सचिन वाज़े ने की है, सचिन वाज़े को गिरफ्तार कर लिया गया।
इसके बाद फिर आरोपी उद्धव ठाकरे ने सचिन वझे को बचाने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की, और कहा की सचिन वाझे ओसामा बिन लादेन नहीं है।
उपरोक्त सभी सबूतों के कारण, आरोपियों ने एक दूसरे के साथ साजिश रचकर सरकारी मशीनरी और जनता के पैसे का दुरुपयोग कर के अपने ही बुरे लक्ष्य को प्राप्त करने और जबरन वसूली, हत्या आदि जैसे अपराध करने के लिए इनके खिलाफ धारा 409, 166, 302, 201, 120(बी), 34, 109 आदि के तहत कारवाई की जाए ऐसी शिकायत ‘Supreme Court & High Court Litigant Association (SCHCLA)’ के अध्यक्ष रशीद खान पठान के द्वारा दायर की है।
हाल ही में राज्य के उद्योग मंत्री श्री। उदय सामंत ने भी सीधा आरोप लगाया था की आदित्य ठाकरे द्वारा सचिन वाज़े को डिपार्टमेंट में वापिस लाने और उसने मुकेश अम्बानी के घर के सामने विस्फोटक रखकर फिरौती मांगने का प्रयास करने की घटनाओ की वजह से महाराष्ट्र से कई बड़े उद्योग बाजूके राज्योंमे चले गये |
Uday Samant On Uddhav Thackeray : ठाकरेंच्यामुळेच राज्यातील उद्योग महाराष्ट्राबाहेर गेले आहेत, त्यांनी राज्याची माफी मागावी अशी मागणी उद्योगमंत्री उदय सामंत यांनी केली.
By: एबीपी माझा ब्युरो | Updated at : 28 Oct 2023 03:21 PM (IST)
उद्योग विश्वामध्ये अविश्वासाचं वातावरण निर्माण करणाऱ्या सचिन वाझेच्या मागे ठाकरे उभे होते, त्यांच्यामुळेच उद्योगांसाठी सुरक्षित अशी असलेली मुंबईची प्रतिमाही डागाळली असल्याचा आरोपही त्यांनी केला. उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) आणि आदित्य ठाकरे यांनी त्याबद्दल महाराष्ट्राची माफी मागावी असंही ते म्हणाले.
‘Thackeray Govt Solely Responsible For Industries Going Out Of Maharashtra’ Says Samant
Maharashtra lost investors’ confidence after the ‘Vaze incident,’ wherein a reinstated police officer planted a car filled with explosives near the residence of an industrialist in the city, the Industries Minister stated in his social media post.
मामले में तुरंत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाइ ऐसी जल्द ही हाईकोर्ट में दायर की जाएगी ऐसी खबर याचिकाकर्ता के वकील एडवोकेट. नीलेश ओझा द्वारा दी गयी ।