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        आदित्य ठाकरे और अन्य आरोपी उनके ‘मोबाईल लोकेशन’के साथ ही झूठा बचाव लेने की वजह से परेशानी में आ गये है।
मामले की जाँच Special Investigation Team (SIT) कर रही है।
अन्य आरोपीयों में सूरज पांचोली, डिनो मोरया, रोहन राय, किशोरी पेंडणेकर, उद्धव ठाकरे, सचिन वाझे, अनिल देशमुख और मालवणी पुलीस स्टेशन के दोषी पुलीस अधिकारी भी शामिल है।
दुष्कर्म के सबूत मिटाने के लिए मालवणी पुलीस स्टेशन के अधिकारीयो ने दिशा के बॉडी को पोस्ट मार्टम के लिए तीन दिन बाद अस्पताल भेजा था।
रशीद खान पठाण के ओरसे यह शिकायत दर्ज की गई है।
आदित्य ठाकरे ने यह झूठा बचाव लिया था की, हत्या के दिन याने की 8 जून 2020 को वे घटना स्थल पर नहीं थे, उस दिन वे अपने नानाजी श्री. माधव पाटणकर को देखने अस्पताल गए थे उस दिन उनके नानाजी का उनका देहांत हो गया था।
लेकिन ‘मोबाईल टावर लोकेशन’ के मुताबिक हत्या के वक्त आदित्य ठाकरे दिशा सालियन के पास ही मौजूद थे और वहा पर कुछ प्रत्यक्षदर्शी के सबुत भी उपलब्ध है। इसके अलावा आदित्य ठाकरे के नानाजी माधव पाटणकर की 8 जून को हुई मौत की कहानी भी झूठी साबित हो गई क्योकि वास्तव में उनके नानाजी श्री पाटणकर का देहांत 14 जून 2020 को हुवा था।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कानून बनाया है की, झूठा बचाव लेने वाले आरोपीयो को जमानत न दी जाए और ऐसे आरोपीयों को गिरफ्तार करके तफ्तीश करके उन्हें कठोर सजा दी जाए।
आरोपीयों को बचाने के लिए और गुनाह के सबुत मिटाने के लिए पद का दुरूपयोग करने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख, सचिन वाझे, किशोरी पेंडणेकर, रोहन राय और मालवणी पुलीस स्टेशन के दोषी अधिकारीयो के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कर कठोर कारवाई की मांग की गई है। मामले की जाँच SIT कर रही है।