2 लाख करोड़ के मुआवज़े के केस में ठाणे सिविल कोर्ट का आदेश पारित।

आदित्य ठाकरे, रिया चक्रवर्ती, आमिर खान समेत कई प्रमुख हस्तियों के खिलाफ मामले में अहम निर्देश
दिशा सालियान और सुशांत सिंह राजपूत मामले में बड़ा धमाका
इस आदेश के आधार पर, आरोपियों के विरुद्ध ₹2 लाख करोड़ की मुआवज़ा वसूली का दावा बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर किया जा रहा है। साथ ही, जब तक यह राशि न्यायालय में जमा नहीं की जाती, उनकी संपत्तियों की ज़ब्ती एवं गैर-जमानती गिरफ्तारी की कार्यवाही किए जाने की मांग भी इस मुकदमे में की गई है।
आदित्य ठाकरे, रिया चक्रवर्ती, उद्धव ठाकरे, आमिर खान, निखिल कामत, सुभाष चंद्रा, संजय राऊत, अनिल देशमुख, अरविंद सावंत, राजदीप सरदेसाई, पूजा भट्ट, रोहन राय, सूरज पंचोली, डीनो मोरिया, एड. सतीश मानशिंदे, दिया मिर्झा, शम्स ताहेर खान, श्रीमती सोनी राजदान, श्री इम्तियाज़ खत्री, निधि हिरानंदानी, बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड, इकोनॉमिक्स टाइम्स, बीबीसी, इंडिया टुडे, इंडियन एक्सप्रेस, लाइव लॉ, द हिंदू, TV9 मराठी, मिड-डे, न्यूज़ लॉन्ड्री जैसे मीडिया संस्थानों सहित अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध ₹2 लाख करोड़ की वसूली, उनकी संपत्तियों की ज़ब्ती तथा उन्हें जेल भेजने की कार्यवाही हेतु मुकदमा बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर किए जाने के संबंध में ठाणे सिविल कोर्ट (सीनियर डिवीजन) द्वारा आदेश पारित किया गया है। न्यायालय ने यह मुकदमा दाखिल करने के लिए याचिकाकर्ता को एक माह की समय-सीमा प्रदान की है।
दिशा सालियान के पिता श्री सतीश सालीयन एवं श्री रशीद खान पठान ने अपने शपथपत्र में यह स्पष्ट किया है कि यदि ₹2 लाख करोड़ की वसूली होती है, तो उसमें से 99% राशि अधिवक्ता निलेश ओझा के सुझावानुसार सामाजिक उपक्रमों में व्यय की जाएगी।
यह मामला बीते कई दिनों से पूर्णतः गोपनीय रूप से न्यायालय में विचाराधीन था। बिना किसी सार्वजनिक जानकारी के सुनवाई होती रही और अब जाकर न्यायालय द्वारा यह आदेश पारित किया गया है।
उक्त आदेश के आधार पर, आरोपियों के विरुद्ध ₹2 लाख करोड़ की मुआवज़ा वसूली हेतु मुकदमा बॉम्बे हाईकोर्ट में दाखिल कर दिया गया है। साथ ही, आरोपियों द्वारा जब तक यह राशि न्यायालय में जमा नहीं की जाती, तब तक उनकी संपत्तियों की ज़ब्ती एवं गैर-जमानती गिरफ्तारी की कार्यवाही किए जाने की मांग की गई है।आदित्य ठाकरे, रिया चक्रवर्ती और अन्य आरोपियों द्वारा दिशा सालियान और सुशांत सिंह राजपूत की हत्या के मामले में झूठी खबरें चलाकर जनता को गुमराह करने, तथा दिशा के पिता श्री सतीश सालीयन, याचिकाकर्ता श्री रशीद खान पठान, उनके अधिवक्ता एड. निलेश ओझा और अन्य समर्थकों को बदनाम करने की साज़िश का पर्दाफाश अब हो चुका है।
इसी प्रकरण से संबंधित एक अन्य रिट याचिका की सुनवाई के दौरान, दिनांक 23 जून 2025 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह निर्देश दिया है कि आरोपियों के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी करने संबंधी याचिका पर सुनवाई 3 जुलाई 2025 को उच्च न्यायालय की वरिष्ठ खंडपीठ के समक्ष की जाएगी।
न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 23.06.2025 में यह निष्कर्ष निकाला कि चूंकि श्री सतीश सालीयन मुंबई (दादर) के निवासी हैं, अतः यह मामला मुंबई के क्षेत्राधिकार में आता है और इसलिए इसे ठाणे की अदालत में नहीं चलाया जा सकता।
मुआवज़े की अत्यधिक राशि को दृष्टिगत रखते हुए, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्री ईश्वरलाल अग्रवाल ने न्यायालय के समक्ष यह स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया है कि यह मामला अब सीधे बॉम्बे हाईकोर्ट की ऑरिजिनल साइड में दायर किया जा रहा है।
👉 सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु आत्महत्या नहीं बल्कि एक सुनियोजित हत्या थी।
CBI और NCB के रिकॉर्ड में मौजूद सभी छिपाए गए पुख़्ता सबूतों के साथ आरोपपत्र की प्रति 3 जुलाई को बॉम्बे हाईकोर्ट में दाखिल की जाएगी, और इसे जनता के समक्ष भी सार्वजनिक किया जाएगा — यह घोषणा अधिवक्ता निलेश ओझा ने की है।
👉 इस घटनाक्रम से सुशांत सिंह राजपूत और दिशा सालियान के लाखों समर्थकों में न्याय की आशा की नई लहर दौड़ गई है। अब आरोपियों के विरुद्ध काउंटडाउन शुरू हो चुका है।