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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के लिए दोहरा फायदा।
इंडियन लॉयर्स एंड ह्यूमन राईटस एक्टिव्हिस्टस एसोसिएशन के वकील ॲड़ निलेश ओझा ने दी जानकारी।
उद्धव ठाकरे, संजय राऊत, अनिल परब, सुनील देवदत्त कामत, असीम सरोदे आदि के खिलाफ कोर्ट अवमानना कानून और IPC की धाराए १९१, १९२, १९३, १९९, २००, २०१, ४६६, ४७१, ४७४, १२०(b), 34, १०९ के तहत कारवाई करने की माँग ।
उद्धव ठाकरे गुट द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दिए शपथपत्र का झूठ उजागर ।
शपथपत्र में ऐसा लिख गया है की 4 अप्रैल २०१८ को शिवसेना पार्टी के संशोधित सविंधान की प्रती चुनाव आयोग को दे दी गयी थी। लेकीन जो ४ अप्रैल २०१८ का पत्र सुप्रीम कोर्ट में दिया गया है वो किसी और बात की जानकारी चुनाव आयोग का देने के बारे में है। इससे शपथपत्र का झूठ साबित हो जाता है।
ठाकरे गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर श्री. राहुल नार्वेकर पर कई झूठे बेबुनियाद आरोप लगाये है जो की कोर्ट अवमानना के तहत शिक्षापात्र अपराध है।
नई दिल्ली: – दि. 10 जनवरी २०२४ को महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष श्री राहुल नार्वेकर ने अपने आदेश में उद्धव ठाकरे गुट की मांग खारीज करते हुए एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना करार दिया।
इस फैसले से गुस्साये उद्धव ठाकरे और उनके गुट के नेताओ, कार्यकर्ताओ ने विधानसभा अध्यक्ष श्री. नार्वेकर के फोटो को कालीख लगाना और जुते के हार पहनाना, गंदी और अभद्र भाषा में गालिया देना, धमकीयां देना ऐसे कई गैरकानूनी कदम उठाये।
उसके साथ ही उन्होंने श्री. नार्वेकर के खिलाफ झूठे और बेबुनियाद आरोप भी लगाए। ऐसे ही आरोप उद्धव ठाकरे गुट के श्री. सुनिल प्रभू ने सुप्रीम कोर्ट में दायर शपथपत्र में भी लगाए। जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट के साथ धोखाधड़ी मामले में उद्धव ठाकरे और उनके गुट के लोगो के खिलाफ कोर्ट अवमानना और अन्य कारवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
उसमे आरोपीयो के खिलाफ IPC १९१, १९२, १९३, १९९, २००, २०१, ४६६, ४७१, ४७४, १२०(b), 34, १०९और कोर्ट अवमानना कानून १९७१ की धारा 2(C) के तहत कारवाई की मांग की गई है।
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