मुंबई:- मुंबई उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस की बेंच के सामने T.J.Bhanu Vs. State PIL(L.) No. 11473 of 2021 मामले में चल रही सुनवाई के दौरान 13 September, 2021 का भारत सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया गया कि चाहे वह व्यक्ति मानसिक रूप से अक्षम क्यों ना हो लेकिन सरकार किसी भी व्यक्ति को उसकी मर्जी के बगैर वैक्सीन नहीं दे सकती और मानसिक रूप से अक्षम व्यक्ति है तो उसके परिवार वालों की या लिए डॉक्टर की संम्मति जिसको Informed Consent कहा जाता है वह जरूरी है आखिर में उच्च न्यायालय ने सरकार की दलील सुनने के बाद यह निर्देश जारी किया कि किसी भी व्यक्ति को व्हॅक्सिन (टिका) देने से पहले उसकी मर्जी Informed Consent लेने के विषय में केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों अपनी नीतियां बनाएं और उसको कोर्ट के सामने पेश करे।
भारत सरकार ने सुचना अधिकार [राइट टू इंफॉर्मेशन (RTI)] के जवाब में भी और बार बार लोकसभा के प्रश्नौउत्तर में भी बार–बार यही स्पष्ट किया है कि किसी भी व्यक्ति को वैक्सीन लेने के लिए दबाव नहीं बनाया जा सकता । वैक्सीन पूर्णतः स्वेछिक है । इस बारे में देश के कई उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट का भी एक स्पष्ट निर्णय है कि (Common Cause Vs. Union of India (2018) 5 SCC 1,) किसी भी व्यक्ति को उसकी मर्जी के बगैर कोई भी दवाई या कोई भी चिकित्सा लेने के लिए दबाव नहीं डाला जा सकता यह हर व्यक्ति का अपना अधिकार हैं की वो खुद चुने कि उन्हें किस चिकित्सा पद्धति से किस दवाई से खुद को ठीक करना है।
मेघालय उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में 2021 SCC OnLine Megh 130 में स्पष्ट किया कि अगर कि किसी व्यक्ति को अगर दबाव देकर या धोके से उससे आधी बाते छुपाकर मतलब इसमें वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट छुपाना या दूसरे चिकित्सा पद्धति जैसे नॅचरोपैथी, आयुर्वेद आदि कोई दूसरी उपलब्ध चिकित्सा पद्धति या कोई भी बाते छुपाकर किसी व्यक्ति को अगर कोरोना की वैक्सीन लेने के लिए बाध्य किया जाता है तो उस व्यक्ति को सरकार की और से मुहावजा (Compensation) मिल सकता हैं। और वाले जबरदस्ती वैक्सीन देने वाला व्यक्ति अधिकारी या डॉक्टर और उसका साथ देने वाला व्यक्ति या अधिकारी पर क़ानूनी अपराधिक मामले की कारवाई हो सकती है. और उनको जेल में भेजा जा सकता हैं।
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क्या इसको उत्तर प्रदेश में प्रयोग किया जा सकता है।।
जैसे मेघालय हाई कोर्ट का निर्णय को उत्तर प्रदेश के किसी कॉलेज में दिखा दें और वह वैसीना जबरदस्ती लगाएं
या मुंबई हाई कोर्ट का निर्णय को उत्तर प्रदेश के किसी भी कॉलेज में दिखा दे और व्यक्ति लाने की जबरदस्ती हमसे ना करें
क्या ऐसा किया जा सकता है।।
एक न्यायालय का आदेश जब तक उसके विरुद्ध कोई आदेश नहीं आ जाता मान्य है
लेकिन जो हर जगह वैक्सीन का certificate माँग रहे हैं तो उन प्रचंड भेड़ो का क्या करे
AMTS ane BRTS bus ma besva nthi deta
https://rashidkhanvaccineblog.blogspot.com/2021/09/blog-post_22.html?fbclid=IwAR2styHzqenb1-Z5DfZdr8vly37LTMDVQtuWinsi7CQ9yLROfU44PpXeqOo सत्य मेव जयते … इसे हेस टैग के साथ इसको इतना फैला दो की ये जो जहा तहा COVIND 19 की ऐड दिया करते है उससे ज्यादा ये न्यूज़ दिखनी चाहिए।
अहमदाबाद में किसी भी बस में नहीं बैठने देते । आज मैं सिर्फ देखने गया
बस खाली गयी निकोल से लेकिन
दस सवारी नहीं ली चेकिंग करने वालों
के मैंने कहा अभी गुलाम बनाने की
प्रक्रिया से मुक्त नहीं हुएं कुत्ते की मौत
मरोगे कहते हैं बस में बैठे वेक्सीन
लगाकर
Good
वैक्सीन नहीं तो लोकल ट्रेन में सफर नहीं मुंबई में
समस्या तो यही है…बिना सर्टिफेक के ट्रैवल तक नहीं करने दे रहे और ऑफिस वाले अलग…उसका क्या?
महोदय आप कोर्ट में जाएं और संबंधित अधिकारी के विरुद्ध वाद दायर कर दें और नजीर में उक्त फैसले को लगाएं आपको लाभ होगा
Maharashtra Mai aurangabad no vacancies no disel aur petrol ration
Reading your article helped me a lot and I agree with you. But I still have some doubts, can you clarify for me? I’ll keep an eye out for your answers.