- जबरदस्ती टीकाकरण का सरकार का आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थगित.
- यूरोप के स्लोवानिया देश की पुलिस फोर्सऔर सरकारी अधिकारियों ने विरोध में दायर की थी याचिका.
- भारत के देशभर से कई सरकारी अधिकारियों, पुलिसकर्मियों, एअर फोर्स सदस्यों द्वारा निर्णय का स्वागत.
- भारत में भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं द्वारा 80,000 करोड़ का भ्रष्टाचार.
यूरोप के स्लोवानिया देशकी सरकार द्वारा पुलिस तथा सभी सरकारीकर्मचारियों को नौकरी बचानेके लिए कोरोना काटीका लेने की शर्तको वहां के संवैधानिककोर्ट जो भारत केसुप्रीम कोर्ट के बराबर हैद्वारा स्थगीत करदिया है. सरकार केउस आदेश पर रोकलगा दी गई है.
कोर्ट ने सरकार कीइस दलील को ठुकरादिया कि टीका लेनेसे होने वाला फायदासंविधान द्वारा दिए गए अधिकारों सेबड़ा है.
भारत में भीटीका लेना स्वैच्छिक हैऔर किसी भी सरकारीआदेश द्वारा नागरिकों को टीका लेनेके लिए मजबूर नहींकिया जा सकता ऐसास्पष्ट आदेश उच्च न्यायालयने पारित किया है. उच्चन्यायालय ने अपने आदेशरे दिनथर हादसा बनाम मिजोरम राज्य 2021 SCC OnLine Gau 1313 में स्पष्ट किया की टीकालेने वाले को भीकोरोना होता है औरवह भी कोरोना सेमर सकता है यासंक्रमण फैला सकता हैतो कोरोना लेने वाले औरनहीं लेने वाले लोगोंमें कोई फर्क नहींकिया जा सकता औरटीका लेने वाले औरनहीं लेने वाले मेंभेदभाव करने वाले सरकारके किसी भी आदेशको लागू नहीं कियाजा सकता।
व्हॅक्सीन के कई जानलेवादुष्परिणाम भी सामने आएहैं। हाल ही में11 यूरोपियन देशों ने भारतीय कोव्हीसील्ड(Astrazenica) कोबॅन कर दिया था।कारण उससे लोगों मेंखून की क्लोटिंग होकरलोगों की मौत होरही थी। WHO ने भी कोव्हीशील्ड(Covishield) द्वारामुँह और शरीर केभागों का लकवा आदिगंभीर दुष्परिणामों के बारे मेंलोगों को आगाह कियाहै।
वैज्ञानिकों ने लाखों कोरोनामरीजों की जांच करनेके बाद पाया किसबसे सुरक्षित वे लोग हैंजिन्हें कोरोना हो कर गयाहै या जो लोगकोरोना संपर्क में आए थे. ऐसे लोगों की प्रतिकार शक्तिव्हॅक्सीन से 13 गुना ज्यादा बेहतरऔर प्रभावशाली है ऐसे लोगोंको फिर से बीमारहोने की और उनकेजान को धोखा होनेकी कोई भी संभावनानहीं है और ऐसेलोग किसी को भीसंक्रमण नहीं फैला सकते.
Link: https://youtu.be/6v5VrpgXPm4
भारत में जिनकेशरीर में प्रतिकार शक्तितैयार हो गई हैऐसे 80% लोग हैं, ऐसासरकार द्वारा कराए गए सीरोसर्वे में पाया गयाहै. इसलिए किसी को भीव्हॅक्सीन लेने की, मास्कलगाने की या अन्यनियम पालने की जरूरत नहींहै. परंतु भ्रष्ट अधिकारी यह बात छुपाकरव्हॅक्सीन कंपनियों का अरबों करोड़ोंका फायदा करने के लिएलोगों की जान केसाथ खेल रहे हैं.
ऐसे भ्रष्ट अधिकारियोंको जेल भेजने केलिए भारत के युवाशोध वैज्ञानिक योहान टेंगरा और समाजसेवी फिरोजमीठीबोरवाला ने मुंबई हाईकोर्टमें याचिका दायर की है।
Link: https://drive.google.com/file/d/1B6BsAlRSoPEv6XPEoXsgmPyhaLD_pyEd/view?usp=sharing
विश्वभर के कई न्यायालयोंमें ऐसे ही संविधानप्रिय, बुद्धिमान और ईमानदार न्यायाधीशोंने कई लॅंडमार्क आदेशपारित कर वहां केजनता की रक्षा कीहै. वह आदेश निम्नप्रकारहैं.
i) Darris Friend Vs. City of Gainesville CaseNo. 01-2021-CA-2412.
ii) Registrar General Vs. State of Meghalaya 2021SCC OnLine Megh 130.
iii) Re DintharIncident Vs. State of Mizoram 2021 SCC OnLine Gau 1313.