- विश्वस्वास्थ संगठन (WHO) ने मुआवजा देने के लिए अंतीम तिथी 30 जून 2022 तय की।
- तुरंतअपने हक को पाने के लिए आवेदन करे।
1. कोव्हीड टीका(Covid Vaccine) लेने केबाद अगरकिसी भीव्यक्ति कोकोई भीदुष्परिणाम होताहै याउसकी मौतहोती हैतो उसेमुआवजा (Compensation) देनेका प्रावधानविश्व स्वास्थसंगठन (World Health Organization) ने कररखा है।
उसमेंआवेदन करनेकी अंतीमतिथी 30th जून2022 है। लेकिनकिसी ने आपकोयह बातनहीं बताई।
2. इसके अलावादुनियाभर केदेशों नेअपने अपनेस्तर परनागरिकों कोहर्जाना दियाहै।
उदाहरणके तौरपर:-
(i) सिंगापूरसरकार नेएक युवकको टीकेके कारणउसके हृदयकी गतिबढ़ने कादुष्परिणाम होनेपर उसेतुरंत 1 करोड़78 लाख रुपये(320,931.43 Singapore Dollars) कामुआवजा दियाहै।
Link: https://greatgameindia.com/pfizer-heart-attack-compensation/
(ii) थायलैंडसरकार नेकोरोना टीकेसे दुष्परिणामके बारेमें करीब14,034 हजार लोगोंको अबतक 1.71 billion (around 400 crores) रुपये हर्जानेके तौरपर दियेहै। उसमेंकरीब 3670 लोगोंको कोरोना(Covid-19) टीके केवजह सेमौत होनेके कारणमुआवजा दियागया ।
Link: https://www.bangkokpost.com/thailand/general/2292514/b1-7bn-for-adverse-jab-effects
(iii) अमेरीकाने MPV व्हॅक्सीनसे होनेवालेदुष्परिणाम कीवजह सेएक बच्चीके मातापिता कोकरीब 7500 करोड़रुपये मुआवजादिया है।
Link: https://dailyexpose.uk/2022/03/26/us-gov-1-billion-to-falsely-promote-covid-vaccine/
(iv) अमेरीकाके अधिकारीयोंने दवाईके दुष्परिणामछुपाकर लोगोंको दवाईबेचनेवाली कंपनीGlaxo Smith Klein से करीब10 bn U.S. Dollar मतलब 75,000 करोड़ रुपयेवसूले हैऔर उसमेसे पीड़ितोंको 1.2 bn USD मतलबकरीब 10,000 करोड़रुपये दियेहै।
(v) भारतमें टीकेसे होनेवालेदुष्परिणाम केबारे मेंमा. उच्चन्यायालय नेDevilal v. State of M.P. 2017 SCC OnLine MP 2322 केसमें दसलाख रुपयेमुआवजा औरकेस केनिर्णय तकका 12% प्रतिवर्षब्याज कीरक्कम देनेका आदेशदिया है। उच्चन्यायालय नेअपने फैसलेमें स्पष्टकिया हैकी टीकालेने केबाद अगरशरीर परकोई भीदुष्परिणाम होताहै तोडॉक्टर अगरउस दुष्परिणामको टीकेसे संबंधितना होनेका भीबयान देतेहै लेकिनटीके केदुष्परिणामों केWHO या अन्यसंस्था कीदुष्परीणामों कीलिस्ट मेंवह दुष्परिणामहै तोटीका कंपनी/सरकारको हर्जानादेना हीपड़ेगा।
Link:https://drive.google.com/file/d/1_x4xYeWsxatt8P_bcOQp8ryWNgQnIVEX/view?usp=sharing
(vi) कोव्हीडटीका लेनेकी वजहसे लोगोंमें औरबच्चों मेंनिम्न लिखितदुष्परिणाम पायेजा रहेहै :
(i)मौत होना (ii)Myocarditis (iii) दिल कादौरा पड़ना(Heart Attack) (iv) बहरापन (Deafness) (v) अंधापन (Blindness) (vi) खुनमे गुठलीयाजमना (Blood Clotting) (vii) मस्तिष्कसंबंधी बिमारीया (viii)लकवा (Paralysis) (ix) डायबिटीज (शुगर लेवल बहुत जादा बढ़ जाना)
For more details visit the AIM website at following link:
Link: https://awakenindiamovement.com/
3. कोव्हीशील्डटीके केदुष्परिणाम कीवजह सेखुन कीगुठलीया जमनेसे डॉ. स्नेहल लुनावतकी मौतहोने कीबात भारतसरकार कीAEFI समीती नेमानी है।
Link:https://drive.google.com/file/d/1_EZH9HhGknEHfbnPR8jeam5OxGEjIbiE/view
डॉ. स्नेहल लुनावतके पिताने टीकाकंपनी औरसरकार कीतरफ से10000 करोड़ रुपयेका अंतरीममुआवजा लेनेके लिएWrit Petition Bombay High Court मेदायर कीहै। [Writ Petition No. 5767 of 2022]
Download the petition copy here:
Link:https://indianbarassociation.in/wp-content/uploads/2022/01/Snehal-Lunawat-Petition.pdf
4. केरलकी 19 वर्षीयनोवा साबूकी मौतकोव्हीशिल्ड टीकालेने कीवजह सेहुई औरउनके माता–पिताने 10 करोड़रुपये मुआवजेके लिएयाचिका Writ Petition केरलाहाई कोर्टमें दायरकी है।उस मामलेका संज्ञानलेते हुयेउच्च न्यायालयने सरकारको नोटीसजारी करजबाब दायरकरने कोकहा है।
5. मुंबई(वसई–विरार) के हितेशकडवे नामक23 वर्षीय युवककी मौतकोव्हीशिल्ड टीकालेने कीवजह सेहुई औरउसकी माँश्रीमती किरणयादव ने100 करोड़ रुपयेके नुकसानभरपाई केलिए बॉम्बेहाय कोर्टमें याचिकादायर कीहै। [WP/6159/2021]
उसयाचिका मेंटीका निर्माताकंपनी सिरमइंस्टीट्यूट केमालिक अदारपूनावाला औरउनके पार्टनरबिल गेट्सको आरोपीबनाया गयाहै। याचिकाकर्ताने आरोपियोंऔर संबंधीतअधिकारीयों केखिलाफ IPC कीधारा 115, 302, 120(B), 304-A, 34, 109 आदिधाराओं केतहत F.I.R. दर्जकर कारवाईकी कीमांग कीहै।
Link: English News
Hindi News
i)https://rashidkhanvaccineblog.blogspot.com/2022/05/blog-post.html
ii) https://goonj.co.in/petition-by-deceased-youths-mother-named-bill-gates-as-habitual-mass-murderer/
Marathi News
i)https://supremecourtnewss.blogspot.com/2021/11/blog-post_23.html
Download the petition copy here:
Link:https://drive.google.com/file/d/1Rn80JbSDCZslnOLk6GmRdJ4KMPqUFbIu/view
6. मा. सर्वोच्च न्यायालयने Jacob Puliyel Vs. Union of India 2022 SCC OnLine SC 533 मामलेमें स्पष्टकिया हैकी स्थानियसरकारी अधिकारियोंद्वारा टीकालेने केलिए सक्तीकरना याउन्हें किसीसरकारी सुविधाओंसे वंचितरखना यहगैरकानूनी हैऔर नागरिकोंके संवैधानिकअधिकारों का(Article 21) हनन करनेवालेहै। कोर्ट ने माना की टीका लेनेवाले भी सुरक्षित नहीं है और वे भी संक्रमण फैलाते है। इसलिए टीका लेनेवाले और नहीं लेनेवाले के बीच में भेदभाव करना गलत है।
Link:https://drive.google.com/file/d/1ujz3Myd_674hXgRLByihU8kzNRqOoX4v/view?usp=sharing
7. मा. मुंबई उच्चन्यायालय नेभी Feroze Mithiborwala Vs. State of Maharashtra 2022 SCC OnLine Bom 457मामले मेंस्पष्ट कियाकी टीकाना लेनेपर ट्रेनमें सफरनहीं करनेदेना यहभारतीय संविधानके अनुच्छेद 19(1)(d) काउल्लंघन है।
Link:https://drive.google.com/file/d/1Ts5RieWa3dVTl5qQbooOhnVFEkjPVoLA/view?usp=sharing
8. मा. गुवाहाटी उच्चन्यायालय नेRe Dinthar Incident Vs. State of Mizoram 2021 SCC OnLine Gau 1313 और Madan Mili Vs. Union of India 2021 SCC OnLine Gau 1503 मामले मेंस्पष्ट कियाहै कीकिसी भीनागरिक कोटीका नहींलेने कीवजह सेकिसी भीसुविधा सेवंचित रखनासंविधान केअनुच्छेद 14, 19, और 21 काउल्लंघन है।
कोर्टमें कहाहै कीटीका लेनेवालेभी कोरोनासे संक्रमितहो रहेहै औरवे भीसंक्रमण फैलारहे है।इसलिए टीकानहीं लेनेवालेव्यक्ति कोसुविधाओं सेरोकना गैरकानूनीहै।
Link: i) https://drive.google.com/file/d/1m50c0ytxpijyAHpyzHV-Gt2KAOBNOn5k/view
ii)https://drive.google.com/file/d/1PEF53VmPMr4P7kKt8JQeNMQbcZtYHAaY/view
9. गुवाहाटीऔर मनीपूरउच्च न्यायलयने Dr. Aniruddha Babar Vs. State of Nagaland 2021 SCC OnLine Gau 1504 और Osbert Khaling Vs. State of Manipur and Ors. 2021 SCC OnLine Mani 234 मामलेमें स्पष्टकिया कीटीका नहींलेने कीवजह सेकिसी भीव्यक्ति कावेतन रोकनाकिसी काराशन रोकनागैरकानूनी है।
Link:i)https://drive.google.com/file/d/1d66zssOSaCXcRNUspZsu6oXISmYfVxbZ/view
ii)https://drive.google.com/file/d/1cLKR3LutxomKX3BbmaIBwQ9SfUhdvIJQ/view
10. मेघालयउच्च न्यायालयने Registrar General Vs. State of Meghalaya High Court of Meghalaya 2021 SCC OnLine Megh 130 मामलेमें स्पष्टकिया हैकी अगरकिसी व्यक्तिको झूठबोलकर यादबाव डालकरटीका लेनेके लिएमजबूर कियाया उसेटीका दियागया तोआरोपी अधिकारी/डॉक्टर्सके खिलाफफौजदारी (criminal) केसहो सकतीहै औरपीड़ित व्यक्तिमुआवजा/हर्जाना(Compensation) पाने काहक़दार है।
Link:https://drive.google.com/file/d/129Rd9kYFJnKez8gZDYxwgAw60ohndK2b/view
11. ऐसेमे जोभी पिडीतव्यक्ती हैउन्हे अगरहर्जाना/मुआवजा(Compensation) नही मिलाहै तोवे तुरंतस्थानिय तहसिलदारया जिल्हाधिकारी(कलेक्टर) सेसंपर्क करे।
12. अगरउनसे कोईसमाधानकारक जबाबनही मिलताहै तोआप वकिलके माध्यमसे याखुद सरकारीअधिकारीयो कोनोटीस देकरकोर्ट मेदीवानी (Civil) औरफौजदारी (Criminal) केसदर्ज करसकते है।
13. केंद्र सरकार ने दिनांक 25 अक्टूबर, 2021 को डॉ. जैकब पुलियेल बनाम. भारतीय संघ WP (C) 607/ 2021 मामले मे दायर कीये गए अपने हलफनामे मे यह स्पष्ट कर दिया कि कोविड वैक्सीन निर्माण कंपनियों को अभियोजन से कोई सुरक्षा नहीं है।
इसलिए कोई भी व्यक्ति वैक्सीन कंपनियों के खिलाफ वैक्सीन के जानलेवा दुष्प्रभावों को छुपाने के लिए उनपर मुकदमा दर्ज कर सकता है।
Central government in its affidavit dated 25th October, 2021 in Dr. Jacob Puliyel Vs. Union of India W.P. (C) No. 607 of 2021 case made it clear, that the covid vaccine manufacturing companies are not having any protection from prosecution.
Therefore, any person can file a lawsuit against the vaccine companies for hiding the deadly side effects of the vaccine.
Link: Dr. Jacob Puliyel Vs. Union of India W.P. (C) no. 607 of 2021 Affidavit
[Please read para 65]
Link:https://drive.google.com/file/d/1guIsUklRpLLOuBcSUl9sQEEOSe3wDiwk/view?usp=sharing:
14. सरकारीअधिकारी औरटीका कंपनीयोके खिलाफदायर कियेजानेवाले केसका नमूनानीचे दियागया है:-
For High Court:-
(i)Dilip Lunawat Vs. Serum Institute of India Pvt. Ltd. WP/5767/2022.
Link:https://indianbarassociation.in/wp-content/uploads/2022/01/Snehal-Lunawat-Petition.pdf
(ii)Kiran Yadav Vs. The State of Maharashtra WP/6159/2021.
Link:https://drive.google.com/file/d/1Rn80JbSDCZslnOLk6GmRdJ4KMPqUFbIu/view
(iii)Jean George & Anr. Vs. Serum Institute of India Pvt. Ltd. & Ors. WP(C)/0013573/2022.
Link:https://drive.google.com/file/d/1P_-r2QWa8CDE-JtUurYiCH6stw8er0zS/view
उसी नमूनेके आधार पर आपस्थानीय अदालतोके लिएभी याचिकाबनवा सकतेहै।