दिशा सालियान और सुशांत सिंह राजपूत हत्या मामले में गिरफ्तारी के डर से हाई कोर्ट पहुंचे आदित्य ठाकरे।
रशीद खान की याचिका में कोई भी आदेश देने से पहले आदित्य को अपनी बात रखने का मौका देने की अनुमती के लिए दायर की हस्तक्षेप याचिका ।
मामले में 20 अक्टूबर को सुनवाई की संभावना।
आदित्य ठाकरे पर बलात्कार, खून, छोटे बच्चो पर अत्याचार और नशीली दवाओं के सेवन के अन्य गंभीर आरोप लगाए गए हैं ।
आदित्य ठाकरे का शपथपत्र झूठा साबित होने की वजह से आदित्य ठाकरे और उनके वकील राहुल अरोटे के खिलाफ भी अदालत की अवमानना की कारवाई का मामला दर्ज किया गया है।
आदित्य ठाकरे द्वारा झूठा शपथपत्र दायर करके हाई कोर्ट के साथ की गई धोखाधड़ी के मामले उनपर पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की मांग।
मुंबई:- 8 जून, 2020 को दिशा सालियान के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। उस मामले में मुख्य आरोपी आदित्य ठाकरे, सूरज पंचोली और डीनो मोरिया है।
तीनों के मोबाइल टावर की लोकेशन खून वाली जगह पर पाए जाने और अन्य सबूत साबित होने के बावजूद इन तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार न करने की लापरवाही की। इसीलिए ‘सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट लिटिगेंट एसोसिएशन‘ के अध्यक्ष रशीद खान पठान ने 27 सितंबर 2023 को बॉम्बे हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। [PIL No. 17983 of 2023]
उस याचिका में आदित्य ठाकरे और अन्य आरोपीयो को गिरफ्तार कर जाँच तुरंत पूरी करने के निर्देश सीबीआय और मुंबई पुलीस को देने की मांग की गई है।
सुशांत सिंह राजपूत मामले में भी सीबीआई की ओर से भी संतोषजनक जांच नहीं की गई थी. इसके बाद आरोपियों को बचाने और जनता को गुमराह करने के लिए आरोपियों द्वारा इस याचिका के दायर होने के बाद राजदीप सरदेसाई के माध्यम से रिया चक्रवर्ती के साथ टीव्ही शो दिखाकर और दैनिक लोकमत में झूठी खबर प्रकाशित करने के लिए सह-आरोपी के रूप में राजदीप सरदेसाई, रिया चक्रवर्ती और अन्य के खिलाफ कार्रवाई के लिए नई याचिका रशीद खान पठाण की और से दिनांक ७ अक्तूबर , २०२३ को दर्ज कि गई है । [I.A. No. 18784 of 2023]
इसके बाद हाई कोर्ट द्वारा गिरफ्तारी का आदेश पारित होने की संभावना के चलते आरोपी आदित्य ठाकरे ने आगे की कारवाई के डर से उस जनहित याचिका में हस्तक्षेप याचिका दायर की और अदालत से अनुरोध किया कि आदेश पारित करने से पहले उनकी बात भी सुनी जाए। [I.A. No.19336 of 2023]
उस आवेदन में, आदित्य ठाकरे ने शपथपत्र पर झूठा बचाव किया कि,दिशा सालियान और सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच पुलिस और सीबीआई पहले ही पूरी कर चुकी है और आरोपी (आदित्य ठाकरे) का अपराध से कोई संबंध नहीं है। . आदित्य ने यह भी आरोप लगाया की जनहित याचिका नारायण राणे, नितेश राणे और अर्नब गोस्वामी के झूठे आरोपों पर आधारित है और यह सरकार को राजनीतिक लाभ पहुंचाने तथा आरोपियों को ब्लैकमेल करने के लिए दायर किया गया है।
आदित्य ठाकरे के दिए गए शपथपत्र का झूठ सीबीआई और पुलीस रिकॉर्ड से साबित हो गया है. सीबीआई पहले ही साफ कर चुकी है कि दिशा सालियान मामले में आदित्य ठाकरे को कोई क्लीन चिट नहीं दी गई थी बल्कि आरोपियों ने ऐसी फर्जी खबरें प्रकाशित की थीं। साथ ही राज्य सरकार ने दिशा सालियान मामले में एक विशेष जांच दल (SIT) नियुक्त की है और उनकी जांच जारी है।
सीबीआई ने सांसद में सुब्रमण्यम स्वामी को लिखे पत्र में यह भी स्पष्ट किया है, सीबीआई ने सुशांत सिंह राजपूत की हत्या की संभावना और अन्य गंभीर आरोपों को नहीं नाकारा है. सुशांत सिंह ने आत्महत्या की है ऐसा कोई निष्कर्ष सीबीआई ने नहीं निकाला है।
इससे आदित्य ठाकरे का शपथपत्र झूठा है ये साबित हो चूका है। इस की वजह से आदित्य के खिलाफ फौजदारी प्रक्रिया संहिता की धारा 340 के तहत कार्यवाही करके उन्हें गिरफ्तार कर उनके खिलाफ IPC की धारा 191, 192, 193, 199, 200, 201, 466, 471, 474, 120(B), 34, 109 आदि के तहत मुकदमा दर्ज करने के आदेश हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को देने की मांग की गई है।
उक्त अपराधों में आदित्य ठाकरे के अन्य बचाव भी पहले ही झूठे साबित हो चुके है और याचिकाकर्ता ने इस संबंध में हाईकोर्ट में सबूत भी दाखिल कर दिए हैं।
आदित्य ठाकरे ने 23.12.2022 को ‘एबीपी माझा’ को दिए एक इंटरव्यू में यह बात कही थी की 8 जून 2020 को जब दिशा सालियान की हत्या हुई दूसरे दिन उनके दादा श्री. पाटणकर का देहांत हुआ था और वे उन्हे देखने अस्पताल गए थे।
उपरोक्त कथन को झूठा साबित करने के दो स्पष्ट प्रमाण हैं , पहला है, आदित्य ठाकरे के दादा श्री. पाटणकर 8 जून 2020 को जीवित थे और 14 जून 2020 को उनकी मृत्यु हो गई।
दूसरा सबसे अहम सबूत ये है कि जांच अधिकारियों द्वारा प्राप्त किये गए मोबाइल के टॉवर लोकेशन के मुताबिक आदित्य ठाकरे, सूरज पंचोली और डिनो मोर्या तीनो 8 जून 2020 को दिशा सालियान के फ्लैट पर तीन से चार घंटे तक थे। . इसके अलावा, दिशा के साथ सामूहिक बलात्कार करके उसकी हत्या के बाद, आदित्य ठाकरे ने उनके पिता और उस समय के मुख्मंत्री रहे उद्धव ठाकरे के द्वारा, पुलिस पर दबाव लाके उनकी सहयता से उस बिल्डिंग के सीसीटीव्ही फुटेज गायब करवाये और तत्कालीन जांच पुलिस अधिकारी ने बिहार पुलिस और सबसे अहम बात ये है कि गैंग रेप के सबूत मिटाने के लिए दिशा के शव को 3 दिन बाद यानी 11 जून 2020 को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।
इसके विपरीत सुशांत सिंह राजपूत के शव का पोस्टमॉर्टम उसी दिन यानी १४ जून को किया गया था। इससे यह साबित होता है कि आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस और डॉक्टर की मदद ली गई है।
इसके अलावा गौरतलब बात यह है की रिया चक्रवर्ती ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि वह आदित्य ठाकरे को नहीं जानती हैं। लेकिन बिहार पुलिस और सांसद राहुल शेवाले द्वारा दिए गए सबूतों से साबित होता है कि आदित्य ठाकरे और रिया के बीच मोबाइल फोन पर 44 से ज्यादा बार बातचीत हुई थी।
इसके अलावा मुंबई NCB विभाग ने ड्रग्स के सम्बन्ध में दायर केस में, अपराध नं. 15 of 2020 में भी एक प्रॉपर्टी (संपत्ति) को लेकर रिया चक्रवर्ती और आदित्य ठाकरे की व्हाट्सएप चैट उपलब्ध है। यह संवाद सुशांत सिंग की मौत के कई दिन पहले का है।
मामले के दूसरे आरोपी सूरज पांचोली ने भी ऐसा झूठा इंटरव्यू दिया था की वे दिशा सालियन की नहीं जानते ।
इन सभी सबूतों के चलते यह कहा जा रहा है कि आदित्य ठाकरे का खेल खत्म हो गया है और इस बात की प्रबल संभावना है कि हत्या और सामूहिक बलात्कार के आरोप के अलावा हाई कोर्ट में झूठा हलफनामा दाखिल करने के अपराध में भी आदित्य ठाकरे के जेल जाने की कड़ी संभावना है।